बेंगलुरु। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान ने कहा है कि चंद्रयान-2 ऑर्बिटर ने चांद की सतह पर उस स्थान का पता लगा लिया है जहां उसके लैंडर विक्रम ने लैंड किया है। इसरो के अधिकारियों ने बताया कि विक्रम से संपर्क टूटने तक ऑर्बिटर तथा लैंडर से मिले डाटा की लगातार निगरानी के बाद उसके लैंड करने के स्थान का पता लगाया जा सका है। इसरो इस बात का पता लगायेगा कि विक्रम लैंडर ने ‘हार्ड लैंडिंग’ की है अथवा चांद की सतह से टकराकर दुर्घनाग्रस्त हो गया है।
उन्होंने बताया कि इसका पता विक्रम लैंडर का इसरो से सम्पर्क टूटने से पहले अंतिम क्षण तक उसके द्वारा भेजे गये डाटा का अध्ययन करके ही लगाया जा सकता है। सूत्रों ने बताया कि ऑर्बिटर द्वारा रविवार को ली गयी तस्वीरों को देखने के बाद संभावना जतायी जा रही है कि विक्रम लैंडर ने या तो ने ‘हार्ड लैंडिंग’ की होगी अथवा चांद की सतह से टकराकर दुर्घनाग्रस्त हो गया होगा। इन तस्वीरों का विश्लेषण किया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार चंद्रयान में उच्च तकनीक कैमरा लगा हुआ है, जो स्पष्ट तस्वीरें भेजेगा और इसरो लगातार उनका निरीक्षण करेगा।
इसरो के अध्यक्ष के. शिवन ने कहा है कि संगठन विक्रम लैंडर का इसरो से सम्पर्क टूटने से पहले अंतिम समय तक ली गयी थर्मल इमेजेज का आज से अध्यन करेगा। उल्लेखनीय है कि इसरो ने 22 जुलाई को चंद्रयान-2 का सफल प्रक्षेपण किया। चंद्रयान-2 के तीन हिस्से थे, आर्बिटर, लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान। लैंडर विक्रम रोवर प्रज्ञान के साथ सात सितंबर को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करने वाला था लेकिन अंतिम समय में इसरो का उससे सम्पर्क टूट गया।