रोहतक। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस का नाम लिये बगैर विपक्ष पर तंज कसते हुये कहा कि सौ दिन से उन्हें कुछ समझ ही नहीं आ रहा। वे चुनाव में पराजय से इतने बेहाल हैं कि मन सुन्न हो गया। मोदी ने आज रविवार को हरियाणा के रोहतक में विजय संकल्प रैली को संबोधित करते हुये कहा कि ये संयोग ही है कि मैं केन्द्र सरकार के कार्यकाल के सौ दिन पूरे होने पर आया हूं। उन्होंने राज्य में दो हजार करोड़ रुपए की परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि ये 100 दिन विकास और विश्वास के रहे हैं, देश में बड़े परिवर्तन के रहे हैं। ये 100 दिन निर्णय, निष्ठा और नेक नीयत के रहे हैं। इस बार संसद के सत्र में जितने बिल पास हुए हैं। उतना काम संसद के किसी सत्र में पिछले 6 दशकों में नहीं हुआ। सरकार कृषि से लेकर राष्ट्र की रक्षा और सुरक्षा से जुड़े बड़े निर्णय ले पाई। आतंकवाद से निपटने, मुस्लिम बहनों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए अनेक कानून बनाए गए। हम चुनौतियों से सीधे टकराना जानते हैं। बीते पांच साल में हरियाणा को भाजपा की केंद्र और राज्य सरकार के डबल इंजन का लाभ मिला। वर्तमान में हरियाणा में करीब 25 हजार करोड़ रुपए के बड़े प्रोजेक्ट्स पर काम चल रहा है।
हरियाणा में परिवारवाद और भ्रष्टाचार पर कड़ा प्रहार किया गया है। सरकारी नौकरियों में बंदरबांट की गलत परंपरा खत्म हुई। इन 5 वर्षों में बेरोजगार युवाओं के कौशल से लेकर उनको मिलने वाली मदद तक में वृद्धि की गई। मोदी ने कहा कि हरियाणा में पहले मुख्यमंत्री वो बनते थे, जो दिल्ली में ट्रक भर-भरकर लोगों को ले आएं, प्रधानमंत्री के घर के बाहर ढोल नगाड़े बजाएं और जय जयकार करे। पिछले पांच साल में ऐसा कोई काम यहां की सरकार को नहीं करना पड़ा है। कल रात 1 बजकर 50 मिनट पर पूरा देश टीवी पर नजरें गाड़कर बैठा था।
चंद्रयान-2 की खुशखबरी के लिए देश-दुनिया देख रही थी। मैंने महसूस किया कि एक घटना ने 100 सेकंड में पूरे हिंदुस्तान को जोड़ दिया। प्रधानमंत्री ने भारत माता की जय के नारे के साथ अपने भाषण की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि वह ऐसे समय में यहां आए हैं जब उनकी सरकार के सौ दिन हो रहे हैं। जनता के समर्थन से ही सरकार बड़े फैसले ले पाई है। बैंकिंग व्यवस्था को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं। सौ दिनों में संसद के सत्र में जितने बिल पास हुए उतना आज तक पिछले साठ साल में नहीं हुए थे। बीते सौ दिन में देश और दुनिया ने देखा है कि भारत अब हर चुनौती को चुनौती देता है। फिर चाहे जम्मू-कश्मीर व लद्दाख का मामला हो या गंभीर होता जल संकट।