नई दिल्ली। कांग्रेस ने आरक्षण संबंधी बयान पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत को आड़े हाथों लेते हुए सोमवार को आरोप लगाया कि यह दलितों और पिछड़े वर्गों के आरक्षण को समाप्त करने की संघ और भारतीय जनता पार्टी की सुनियोजित चाल है। कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया कि भाजपा नीत सरकार के कार्यकाल में दलितों और आदिवासियों के खिलाफ अत्याचार की घटनायें छुपी नहीं हैं। उन्होंने कहा कि संघ और भाजपा विवादित बयानों के जरिये लोगों को वास्तविक मुद्दों से भटकाने का प्रयास कर रही हैं। खेड़ा ने कहा, ‘‘भाजपा के फैसलों के पीछे एक मात्र उद्देश्य लोगों को असली मुद्दों से भटकाये रखना है। अनुसूचित जनजातियों और दलितों के खिलाफ अत्याचार की घटनाएं कोई छुपी नहीं हैं।’’ उन्होंने कहा कि मुद्दों को उछालते रहना और समाज में टकराव पैदा करते रहना भाजपा और संघ की आदत बन चुकी है, ताकि समाज में विभेद पैदा हो और सरकार की रोजमर्रा की समस्याओं से मतदाताओं का ध्यान भटकाया जा सके।
कांग्रेस का यह जवाब भागवत के उस बयान के एक दिन बाद आया है जिसमें उन्होंने आरक्षण के समर्थकों और विरोधियों के बीच सौहार्दपूर्ण बातचीत कराये जाने की अपील की थी। संवाददाता सम्मेलन में उपस्थित राज्यसभा सांसद एवं राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के पूर्व अध्यक्ष पी एल पुनिया तथा पूर्व सांसद एवं दलित नेता डॉ. उदित राज भी उपस्थित थे। पुनिया ने आरक्षण को समाप्त करने की सुनियोजित साजिश रचने का भाजपा के खिलाफ आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा बहस की आड़ में आरक्षण को समाप्त करना चाहती है। पुनिया ने दिल्ली में संत रविदास मंदिर को ढहाये जाने की निंदा की और कहा, ‘‘यह सब भाजपा की मानसिकता का द्योतक है। ये लोग दलितों और अनुसूचित जनजातियों के विरोधी हैं।’’ डॉ उदित राज ने भी कहा कि भाजपा दलितों, अनुसूचित जनजातियों और अति पिछड़े वर्ग सहित ऐसे सभी समुदायों को निशाना बना रही है।