नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू शनिवार को लिथुवानिया, लातविया और इस्तोनिया की यात्रा पर रवाना हो गए। यह भारत की ओर से तीन बाल्टिक देशों की पहली उच्चस्तरीय यात्रा है। नायडू की इस यात्रा से तीनों देशों के साथ भारत के संबंध मज़बूत होंगे और व्यापार के अवसर भी बढ़ेंगे तथा इन देशों के जनता के बीच रिश्ते प्रगाढ़ होंगे। नायडू की आज लिथवानिया के राष्ट्रपति गिटानास नौसेदा से मुलाकात हुई और दोनों के बीच विचार विमर्श हुआ। उसके बाद दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडलों ने भी विचार विमर्श किया तथा करार पर भी हस्ताक्षर किये गये। नौसेदा ने नायडू के सम्मान में एक भोज भी देंगे। कल नायडू भारतीय समुदाय को भी संबोधित करेंगे और कौनास के महापौर से मिलेंगे। 19 तारीख को वो प्रधानमंत्री सौलियस वर्नेलिस से भी मिलेंगे।
उसके बाद वह लिथवानिया के स्वाधीनता संग्राम के शहीदों के स्मारक पर भी जाएंगे। वह लिथवानिया के पार्लियांमेंट के स्पीकर से भी मिलेंगे। नायडू लातविया की राजधानी रीगा भी जाएंगे और वहां के राष्ट्रपति एगिल्स लेवित्स से भी मिलेंगे और वहां के शहीदों को पुष्पांजलि देंगे। वह लातविया के प्रधानमंत्री तथा स्पीकर से भी मिलेंगे और राष्ट्रीय लातविया पुस्तकालय में महात्मा गांधी की आवक्ष प्रतिमा का अनावरण करेंगे। इक्कीस अगस्त को वह इस्तोनिया की राष्ट्रपति क्रस्ती कालजुलैद से भी मिलेंगे और प्रधानमंत्री जुरी रतस से बातचीत करेंगे। वह वहां भारतीय समुदाय को भी संबोधित करेंगे। नायडू के साथ एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधि मंडल भी गया है जिसमें मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री संजय शामराव धोत्रे के अलावा तीन अन्य सांसद एंव अधिकारी भी हैं।