नई दिल्ली। इसरो ने भारतीय कंपनियों को पांच पोलर सैटेलाइट लॉन्च वेहिकल्स बनाने का न्योता दिया है। इसरो के अध्यक्ष के सिवान ने कहा कि हम इसे ईओआई कह रहे हैं और यह किसी विदेशी कंपनी के लिए नहीं है। विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र के वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि एक पूरी तरह से इंटीग्रेटिड पीएसएलवी लॉन्च वेहिकल की कीमत 200 करोड़ रुपये पड़ती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की "मेक इन इंडिया" पहल के साथ ही अब भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने भारतीय कंपनियों को पांच पोलर सैटेलाइट लॉन्च वेहिकल्स बनाने का न्योता दिया है। इस बात की पुष्टि करते हुए शुक्रवार को इसरो के अध्यक्ष के सिवान ने कहा, हम इसे ईओआई कह रहे हैं और यह किसी विदेशी कंपनी के लिए नहीं है।
इसरो कुछ समय से इसपर विचार कर रहा है और हमें लगता है कि इससे सरकार की मेक इन इंडिया पहल आगे बढ़ेगी। हाल ही में इसरो को पचास साल पूरे हो गए हैं। विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र के वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि एक पूरी तरह से इंटीग्रेटिड पीएसएलवी लॉन्च वेहिकल की कीमत 200 करोड़ रुपये पड़ती है। हालांकि सिवान ने इसकी कीमत को लेकर कुछ भी नहीं कहा है। एजेंसी की नई शाखा न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड पर प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण की जिम्मेदारी है। इसकी जिम्मेदारी इसरो के अनुसंधान और विकास गतिविधियों को आगे बढ़ाने की भी है। जानकारी के मुताबित ये कंपनी इसरो के पीएसएलवी के निर्माण और लघु उपग्रह प्रक्षेपण यान की जिम्मेदारी संभालेगी।