नई दिल्ली। गृह मंत्रालय ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर में लोगों की सुरक्षा उसकी प्राथमिकता है और वहां लागू पाबंदियों को हटाने के बारे में निर्णय स्थानीय प्रशासन के स्थिति के मूल्यांकन के आधार पर ही लिया जायेगा। मंत्रायल के उच्च पदस्थ सूत्रों ने आज यहां कहा कि जम्मू-कश्मीर में सरकार को लोगों को पाबंदियों के कारण हो रही असुविधा और हिंसा के कारण जान माल के नुकसान में से एक विकल्प को चुनना है और सरकार की सबसे बड़ी चिंता लोगों की सुरक्षा को लेकर है। उन्होंने कहा कि प्रशासन की कोशिश है कि पाबंदियों के बावजूद लोगों को दिक्कत नहीं हो। पाबंदियों के कारण होने वाली दिक्कतों को अकेले नहीं देखा जाना चाहिए बल्कि समग्र स्थिति पर विचार किया जाना चाहिए।
ये पाबंदी हिंसा और जान माल के नुकसान की आशंका को देखते हुए लगायी गयी है। उन्होंने कहा कि स्थानीय प्रशासन ने सुनिश्चित किया है कि एटीएम खुले रहें और ट्रेजरी तथा अस्पतालों में सामान्य कामकाज हो। प्रशासन स्थिति के मूल्यांकन के आधार पर जरूरत पड़ने पर पाबंदियों में ढील देगा और यह काम चरणबद्ध तरीके से किया जायेगा। उन्होंने कहा कि यह राज्य के पुनर्गठन से पहले का संक्रमण काल का दौर है और इस दौरान संयम से काम लिया जाना जरूरी है। पहले भी राज्यों को केन्द्र शासित प्रदेशों में तब्दील किया गया है और राज्यों को दो हिस्सों में भी बांटा गया है ।
इस मामले में भी वही प्रक्रिया अपनायी जायेगी तथा नियत दिन पर सभी प्रक्रिया पूरी होंगी। उन्होंने कहा कि स्थिति सामान्य है और इस समय भड़काने वाली भाषा और शब्दों से बचा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू है और सब तरह के एहतियाती कदम उठाये जा रहे हैं। सूत्रों ने कहा कि स्थानीय प्रशासन से मिली रिपोर्ट के आधार पर ही लोगों को नजरबंद किया गया है और इसमें किसी तरह के कानून का उल्लंघन नहीं हुआ है। उन्हें रिहा करने के बारे में भी प्रशासन ही निर्णय लेगा। उन्होंने कहा कि राज्य में पहले भी इस तरह के हालात रहे हैं और पहले भी पाबंदियां लगायी गयी हैं।
आतंकवादी सरगना बुरहान वानी के मुठभेड़ में मारे जाने के बाद राज्य में भड़की हिंसा से निपटने के लिए उठाये गये कदमों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि उस समय लंबे समय तक पाबंदी लगायी गयी थी। सूत्रों ने कहा कि सोशल मीडिया के माध्यम से गड़बड़ी फैलाने वाले लोगों पर नजर रखी जा रही है और इसमें कोई विशेष बात नहीं है क्योंकि सरकार इस मीडिया की निरंतर निगरानी करती रहती है।
आपत्तिजनक पोस्ट और वीडियो का संज्ञान लिया जा रहा है। इस बीच जम्मू कश्मीर प्रशासन ने कहा है स्थिति के आंकलन के आधार पर घाटी में चरणबद्ध तरीके से पाबंदी में ढील दी जा रही है और जम्मू डिविजन में सामान्य स्थिति बहाल हो गयी है। प्रशासन ने कहा है कि लोगों को बिना बाधा के मेडिकल सुविधा दी जा रही है। अस्पताल की ओपीडी में 13 हजार से अधिक मरीजों को देखा गया है और 1400 नये मरीजों को दाखिल किया गया है। सभी अस्पतालों में दवा मुहैया करायी जा रही हैं। अधिकारियों ने बताया है कि घाटी के हर जिले में स्वंतत्रता दिवस की रिहर्सल की गयी है और सब जगह सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किये गये हैं।