व्लादिवोस्तोक। रूस की यात्रा पर गये भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को सुदूर पूर्व रूस के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ ऊर्जा, पैकेजिंग, पेशेवर प्रशिक्षण तथा उच्च शिक्षा जैसे क्षेत्रों में सहयोग पर चर्चा की और कई सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर किये। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल के साथ इस समय गोवा, हरियाणा, गुजरात और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री, कुछ अन्य राज्यों के प्रतिनिधि तथा 100 से ज्यादा कारोबारी रूस के व्लादिवोस्तोक शहर की यात्रा पर हैं। प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने रूस के सुदूर पूर्व क्षेत्रों के अधिकारियों तथा कारोबारियों के साथ बैठकें की। पाँच भारतीय राज्यों ने सुदूर पूर्व रूस के साथ विभिन्न क्षेत्रों से संबंधित पाँच करार किये।
गोयल ने बताया कि इन बैठकों में दोनों देशों के बीच व्यापार और आर्थिक अवसरों को बढ़ावा देने के लिए रूस के इस हिस्से में निवेश के महत्त्व पर चर्चा हुई। रूसी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व उप प्रधानमंत्री यूरी त्रुतनेव ने किया। दोनों पक्षों में ऊर्जा, प्रसंस्करण, पैकेजिंग, पेशेवर प्रशिक्षण और उच्च शिक्षा के क्षेत्रों पर द्विपक्षीय वार्ता की। गोयल ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि रूस के सुदूर पूर्वी हिस्से से नयी दिल्ली के लिए जल्द उड़ान शुरू होगी। इससे दोनों देशों के बीच संबंध बढ़ेंगे। गोवा ने रूस के कमचतका क्षेत्र के साथ कोयला उत्पादन तथा पर्यटन और उत्तर प्रदेश ने जबय्कल्सकी क्षेत्र के साथ कृषि एवं खाद्य उत्पादन के क्षेत्र में सहयोग के लिए सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किया।
हरियाणा ने सखालिन क्षेत्र के साथ तेल एवं गैस उद्योग में सहयोग पर करार किया। महाराष्ट्र ने बुर्यातिया के साथ मशीन निर्माण तथा पर्यटन क्षेत्र में और गुजरात ने याकुतिया के साथ हीरों के उत्पादन के क्षेत्र में सहयोग से जुड़े सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किये। रूसी और भारतीय प्रतिनिधियों के बीच बैठक की मेजबानी करने वाले रसियन फार ईस्टर्न फेडरल यूनिवर्सिटी ने एमिटी विश्वविद्यालय के साथ एक-दूसरे के यहाँ प्रतिनिधि कार्यालय खोलने और शिक्षा में सहयोग पर हस्ताक्षर किया। राष्ट्रीय कौशल विकास परिषद् ने भी रूस की फार ईस्टर्न एजेंसी के साथ एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किया। प्रतिनिधिमंडल की यह यात्रा ऐसे समय हो रही है जब एक महीने से भी कम समय में ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम की बैठक होती है। उस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्य अतिथि होंगे। गोयल ने उम्मीद जताई कि मोदी की यात्रा के दौरान इससे कहीं ज्यादा करार होंगे।