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लोकतांत्रिक अधिकारों के हनन को लेकर राष्ट्रपति को येचुरी का पत्र

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Aug 11 2019 12:49AM | Updated Date: Aug 11 2019 12:49AM
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नई दिल्ली। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी महासचिव सीताराम येचुरी ने जम्मू कश्मीर में नागरिकों के लोकतांत्रिक और मौलिक अधिकारों के हनन का आरोप लगाते हुए राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद से हस्तक्षेप की मांग की है। श्रीनगर से लौटने के बाद येचुरी ने कोविंद को आज लिखे पत्र में कहा है कि वह अपनी पार्टी की केंद्रीय समिति के सदस्य मोहम्मद युसुफ तारिगामी से मिलने श्रीनगर गये थे लेकिन पुलिस ने उन्हें हवाई अड्डे से बाहर नहीं निकलने दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस और न्यायिक अधिकारियों ने उन्हें चार घंटे से ज्यादा समय तक हिरासत में रखा। घटना के समय भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव डी राजा भी उनके साथ थे।

पत्र में माकपा नेता ने श्रीनगर हवाई अड्डे पर अपने अनुभव का जिक्र करते हुए कहा कि विमान से उतरने के बाद ही उन्हें पुलिस ने घेर लिया और बताया कि उन्हें हवाई अड्डे से बाहर जाने की अनुमति नहीं है। पुलिस ने कहा कि दोनों नेताओं को अगली उडान से वापस चले जाना चाहिए। मांग करने पर जिला मजिस्ट्रेट ने एक आदेश दिखाया जिसमें कहा गया था कि उनकी श्रीनगर यात्रा से कानून एवं व्यवस्था को खतरा पैदा हो सकता है।

येचुरी ने कहा कि तारिगामी बीमार है और वह उनके कुछ दवाईयां लेकर गये थे और यात्रा और इसके उद्देश्य के बारे में जम्मू कश्मीर के राज्यपाल को सूचित कर दिया गया था। उन्होंने पत्र में कहा, ‘‘ मेरे आधारभूत लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन किया गया है।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि लोगों के पास संपर्क करने का कोई साधन नहीं है और मानवाधिकारों का हनन किया जा रहा है। कुछ समाचार एजेंसियां लोगों के विरोध प्रदर्शन के बारे में खबरें दे रही है। यह गंभीर मामला है और राष्ट्रपति को इस पर विचार करते हुए हस्तक्षेप करना चाहिए। माकपा नेता ने राष्ट्रपति से मौलिक अधिकारों का संरक्षण करने की अपील की

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