नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर से धारा 370 और 35ए हटने के बाद अब हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं। दरअसल धारा 370 हटाए जाने के फैसले के बाद जम्मू कश्मीर में एहतियात के तौर पर बड़ी संख्या में सुरक्षाबलों की तैनाती की गई थी। साथ ही इंटरनेट और फोन सेवाओं को भी बंद कर दिया गया था। इसके बाद शुक्रवार को जुमे की नमाज के दौरान हालात सामान्य नजर आए।
इस दौरान आंशिक रूप से फोन और इंटरनेट की सेवाओं को भी बहाल किया गया। गौरतलब है कि सरकार ने जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाते हुए जम्मू कश्मीर और लद्दाख को अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश बना दिया है। इसके बाद से यह चर्चा तेज है कि जम्मू कश्मीर का उपराज्यपाल कौन होगा। उपराज्यपाल पद के लिए दो नाम सबसे आगे हैं।
सूत्रों की मानें तो जम्मू कश्मीर के अलग केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद यहां उपराज्यपाल पद को लेकर चल रही चर्चा के बीच रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी के. विजय कुमार और दिनेश्वर शर्मा का नाम सबसे आगे हैं। इनमें से 1975 बैच के आईपीएस अधिकारी (रिटायर्ड) विजय कुमार वर्तमान में जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक के सलाहकार हैं। के. विजय कुमार तमिलनाडु कैडर के अधिकारी हैं और इससे पहले कश्मीर में 1998 से 2001 के दौरान बीएसएफ (सीमा सुरक्षा बल) के आईजी भी रह चुके हैं। के. विजय कुमार ने ही तमिलनाडु का एसटीएफ चीफ रहते हुए चंदन तस्कर वीरप्पन को ढेर किया था।
जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल पद के लिए दूसरा नाम केरल कैडर के रिटायर्ड आईपीएस दिनेश्वर शर्मा का है। 1976 बैच के आईपीएस अधिकारी दिनेश्वर शर्मा इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) के निदेशक रह चुके हैं और वर्तमान में शांति प्रक्रिया के लिए जम्मू-कश्मीर में केंद्र सरकार के विशेष प्रतिनिधि हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकर अजीत डोवाल के साथ भी दिनेश्वर शर्मा काम कर चुके हैं। मूल रूप से बिहार के रहने वाले दिनेश्वर शर्मा पैरामिलिट्री फोर्स और पुलिस बल में भी अहम पदों पर जिम्मेदारी संभाल चुके हैं।