नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री मंगलवार को कजाखस्तान की यात्रा करेंगे और इस दौरान 5000 टन यूरेनियम की खरीदारी के लिए भारत उसके साथ एक करार पर दस्तखत करेगा। सूत्रों ने बताया कि दोनों देश अपने पुराने करार का नवीकरण करेंगे जिसके तहत कजाखस्तान भारत को यूरेनियम की आपूर्ति कर रहा था। जनवरी 2009 से भारत और कजाखस्तान के बीच असैनिक परमाणु संधि है।
तब भारतीय परमाणु संयंत्रों के लिए यूरेनियम की आपूर्ति के लिए एनपीसीआईएल और कजाख परमाणु कंपनी कजएटमप्रोम ने एक करार पर दस्तखत किए थे। इस करार के बाद, कजएटमप्रोम ने 2010-11 में 600 टन, 2011-12 में 350 टन, 2012-13 में 402.5 टन और 2013-14 में 460 टन यूरेनियम अयस्क सांद्र की आपूर्ति की थी। बहरहाल, यूरेनियम आपूर्ति का यह करार दिसंबर 2014 में समाप्त हो गया।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया, ‘‘भारत कजाखस्तान के साथ अपने करार का नवीकरण करेगा।’’ कजाखस्तान भारत को यूरेनियम की आपूर्ति करने वाला प्रमुख देश है। इसके पास दुनिया के यूरेनियम संसाधन का 15 फीसद है और 2009 में अग्रणी यूरेनियम उत्पादकर्ता देश बन गया। कजाखस्तान के अलावा, यूरेनियम की खरीदारी के लिए उज्बेकिस्तान के साथ भी भारत ने करार कर रखा है।
पिछले साल आस्ट्रेलिया और इस साल कनाडा की अपनी यात्रा के दौरान मोदी ने भारतीय परमाणु उर्जा संयंत्रों के लिए यूरेनियम खरीदने पर जोर दिया था। ईंधन की किल्लत के चलते ये संयंत्र कई साल से अपनी क्षमता से कम पर चल रहे हैं।