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तकनीकी कारणों से चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण टला

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jul 15 2019 12:05PM | Updated Date: Jul 15 2019 12:05PM
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श्रीहरिकोटा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने तकनीकी कारणों से चंद्रयान-2 के प्रक्षेपण को फिलहाल टाल देने का फैसला किया है। इसरो ने सोमवार को ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी। इसरो ने ट्वीट किया, ‘‘ टी-56 मिनट पर प्रक्षेपण यान प्रणाली में एक तकनीकी खराबी पाई गई। अत्याधिक सावधानी बरतते हुए चंद्रयान-2 के प्रक्षेपण को आज के लिए टाल दिया गया है। प्रक्षेपण की नई तिथि की घोषणा बाद में की जाएगी।’’ इससे पहले भारत के दूसरे चंद्र मिशन चंद्रयान-2 के प्रक्षेपण के 20 घंटों की उलटी गिनती रविवार सुबह छह बजकर 51 मिनट पर शुरू हो गई थी।

चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण आज तड़के दो बजकर 51 मिनट पर आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से किया जाना था, लेकिन कुछ तकनीकी कारणों से चंद मिनटों पहले प्रक्षेपण को टाल देने का फैसला किया गया। इस मिशन के लिए जीएसएलवी-एमके3 एम1 प्रक्षेपणयान का इस्तेमाल किया जायेगा। इसरो ने बताया कि मिशन के लिए रिहर्सल शुक्रवार को पूरा हो गया था। इस मिशन के मुख्य उद्देश्यों में चंद्रमा पर पानी की मात्रा का अनुमान लगाना, उसके जमीन, उसमें मौजूद खनिजों एवं रसायनों तथा उनके वितरण का अध्ययन करना और चंद्रमा के बाहरी वातावरण की ताप-भौतिकी गुणों का विश्लेषण है।

उल्लेखनीय है चंद्रमा पर भारत के पहले चंद्र मिशन चंद्रयान-1 ने वहां पानी की मौजूदगी की पुष्टि की थी। इस मिशन में चंद्रयान-2 के साथ कुल 13 स्वदेशी पे-लोड यान वैज्ञानिक उपकरण भेजे जा रहे हैं। इनमें तरह-तरह के कैमरा, स्पेक्ट्रोमीटर, रडार, प्रोब और सिस्मोमीटर शामिल हैं। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का एक पैसिव पेलोड भी इस मिशन का हिस्सा है जिसका उद्देश्य पृथ्वी और चंद्रमा के बीच की सटीक दूरी का पता लगाना है। यह मिशन इस मायने में खास है कि चंद्रयान चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास उतरेगा और सॉफ्ट लैंडिंग करेगा।

चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर अब तक दुनिया का कोई मिशन नहीं उतरा है। चंद्रयान-2 के तीन हिस्से हैं। ऑर्बिटर चंद्रमा की सतह से 100 किलोमीटर की ऊँचाई वाली कक्षा में चक्कर लगायेगा। लैंडर ऑर्बिटर से अलग हो चंद्रमा की सतह पर उतरेगा। इसे विक्रम नाम दिया गया है। यह दो मिनट प्रति सेकेंड की गति से चंद्रमा की जमीन पर उतरेगा। प्रज्ञान नाम का रोवर लैंडर से अलग होकर 50 मीटर की दूरी तक चंद्रमा की सतह पर घूमकर तस्वीरें लेगा।

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