नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने महाराष्ट्र में मराठा समुदाय को दिये गये आरक्षण पर रोक लगाने से इन्कार कर दिया गया लेकिन राज्य सरकार को नोटिस जारी कर इस बारे में दो सप्ताह में जवाब दायर करने को कहा है। गौरतलब है कि महाराष्ट्र सरकार के मराठा समुदाय को 16 प्रतिशत आरक्षण देने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए मुंबई उच्च न्यायालय ने रोक नहीं लगाई थी लेकिन इसे 12-13 प्रतिशत कर दिया था।
मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने बंबई उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ जयश्री लक्ष्मण राव पाटिल द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि वह इस समय उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक नहीं लगा रहा है, लेकिन राज्य सरकार को नोटिस जारी कर दो सप्ताह में इस मामले में जवाब देने का निर्देश दे रहा है। पीठ ने कहा कि मराठा समुदाय को दिया गया आरक्षण पूर्व प्रभाव से लागू नहीं होगा और आरक्षण की व्यवस्था न्यायालय में विचाराधीन याचिकाओं पर आने वाले अंतिम निर्णय पर निर्भर करेगी।