नई दिल्ली। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को राजधानी के सफदरजंग रेलवे स्टेशन से ‘‘मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा’’ की पहली ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस मौके पर उनके साथ उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, परिवहन एवं राजस्व मंत्री कैलाश गहलोत और तीर्थ यात्रा समिति के अध्यक्ष कमल बंसल भी उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री की इस महत्वाकांक्षी परियोजना में बुजुर्ग नागरिकों के लिए सरकारी खर्च पर मुफ्त तीर्थ यात्रा शुरू की गयी है। मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना पांच महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों पर जायेगी। यह ट्रेन पंजाब के अमृतसर जाएगी। यहां बुजुर्ग श्रद्धालु स्वर्ण मंदिर, वाघा बॉर्डर और आनंद साहिब की यात्रा कर सकेंगे। केजरीवाल ने तीर्थयात्रियों को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘दिल्ली सरकार का यह सपना था कि राजधानी के प्रत्येक वरिष्ठ नागरिक को तीर्थ यात्रा करने का अवसर मिले। कहा जाता है कि बुजुर्गों को तीर्थ यात्रा करा कर पुण्य मिलता है। हमारे हिंदू धर्मग्रंथों में यह भी कहा गया है कि एक पुत्र अपने माता-पिता के कर्ज को कभी नहीं चुका सकता है लेकिन अगर वह माता-पिता को तीर्थ यात्रा कराता है तो यह कर्ज कुछ कम हो जाता है।
यह हमारा सपना है कि दिल्ली के हर एक वरिष्ठ नागरिक को अपने जीवन काल में कम से कम एक बार तीर्थ यात्रा पर जाने का अवसर मिले।’’ उन्होंने कहा, ‘‘स्वर्ण मंदिर जाने वाले बुजुर्ग तीर्थ यात्रियों को मेरी हार्दिक शुभकामनाएं और मैं आप सभी से विनती करता हूँ कि सभी दिल्ली और देश में शांति, समृद्धि और सद्भाव के लिए ‘वाहे गुरु’ से प्रार्थना करें। जैसा कि दिल्ली अपनी शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, बिजली और पानी के लिए जानी जाती है, वैसे ही यह आध्यात्मिकता के लिए भी जाना जाएगा।’’पहली तीर्थ यात्रा के लिए कुल एक हजार बुजुर्ग श्रद्धालु ट्रेन से जा रहे है। इस ट्रेन के 17 वातानुकूलित डिब्बों को एक इन बुजुर्ग श्रद्धालुओं के लिए बुक किया गया है। ट्रेन में सभी तीर्थयात्रियों के लिए भोजन की सुविधा है और किसी भी तरह मदद के लिए सरकार के दो स्वयंसेवक हर कोच में उपलब्ध रहेंगे। पहली ट्रेन 16 जुलाई की सुबह दिल्ली वापस पहुंच जायेगी। इसके बाद मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री अपने परिवार के साथ 20 जुलाई को बुजुर्ग श्रद्धालों के साथ वैष्णो देवी की यात्रा पर जायेंगे।