नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल तथा उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने दिल्ली के उप राज्यपाल अनिल बैजल से मुलाकात कर राज्य सरकार में मौजूद भ्रष्ट अधिकारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने के बारे में विचार विमर्श किया। दिल्ली सरकार की तरफ से रविवार को यहां जारी एक बयान में यह जानकारी देते हुए कहा गया कि मुख्यमंत्री ने इस मुद्दे पर दिल्ली के मुख्य सचिव से भी विचार विमर्श किया। बयान में कहा गया है कि केजरीवाल तथा दिल्ली सरकार भ्रष्टाचार तथा भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ जीरो टोलरेंस यानी किसी भी तरह से उन्हें बर्दाश्त नहीं करने की नीति अपनाए हुई है।
सूची तैयार करने के निर्देश
मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को भ्रष्ट अधिकारियों की विभागीय स्तर पर सूची तैयार करने का भी निर्देश दिया है ताकि उनके भ्रष्ट आचरण की समीक्षा कर उनको अनिवार्य सेवानिवृत्त दी जा सके। भ्रष्ट अधिकारियों को केंद्र सरकार की 1972 की नियमावली के दायरे में अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जाएगी। बयान में कहा गया है कि श्री केजरीवाल ने 2013-14 में अपनी 49 दिन की सरकार के दौरान भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ इस तरह की कार्रवाई करने के संकेत दिए थे। उस समय कई अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के कारण गाज गिरी थी। केजरीवाल सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल में भी इसी नीति को अपनाया और भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टोलरेंस की नीति को बरकरार रखा।