चंडीगढ़। पंजाब आम आदमी पार्टी (आप) ने केंद्रीय बजट को आम लोगों के लिए जेब-कतरा बजट करार देते हुये कहा है कि पंजाब के साथ एक सोची समझी साजिश के तहत भेदभाव किया है तथा बजट में सिर्फ कुछ कॉर्पोरेट घरानो का ही ख्याल रखा गया है। प्रतिपक्ष के नेता हरपाल सिंह चीमा ने आज यहां कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार के बजट में खोखले नारों और जुमलेबाजी का तो प्रदर्शन है लेकिन जमीनी हकीकतों और चुनौतियों से निपटने के लिए जरुरी पैसों का कोई प्रबंध नजर नहीं आता। केंद्रीय बजट ने पंजाब को निराश किया है। डीजल-पेट्रोल पर फालतू टैक्स लगा कर हर वर्ग की जेब काटी है।
डीजल-पेट्रोल पर लगाए इस फालतू टैक्स से किसानों पर तीन सौ करोड़ सालाना बोझ पड़ेगा। जबकि समूचे पंजाब के लिए यह बोझ 1150 करोड़ रुपए से अधिक है। चीमा ने कहा कि गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहे पंजाब और इसके किसानों के लिए बजट में कुछ भी नहीं है। केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल को नैतिक के आधार पर इस्तीफा देना चाहिये क्योंकि वो केन्द्र में पंजाब का प्रतिनिधित्व करती हैं । बजट में बेरोजगारी के कारण नशा तस्करों के जाल में फंस रहे नौजवानों को रोजगार के लिए ठोस रूप में कुछ नहीं किया। उन्होंने कहा कि एक तरफ तो मोदी ने मन की बात में देश की नदियों और प्राकृतिक जल स्रोतों को लेकर गहरी चिंता जतायी लेकिन बजट में सिंचाई प्रबंधन और जल संरक्षण के लिए जरुरी फंड का जिक्र तक नहीं किया गया।
स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में असमानता को खत्म करने के लिए सरकारी शिक्षा और सरकारी सेहत सेवाओं के लिए जरुरी बड़े सरकारी निवेश को नजरंदाज करके लोगों की प्राईवेट माफिया पर निर्भरता बढ़ा दी है, जबकि केंद्र सरकार को सेहत और शिक्षा के मुद्दे पर दिल्वली की अरविन्द केजरीवाल सरकार से सबक लेना चाहिए था, जो दिल्ली के बजट का करीब चौथा हिस्सा सेहत और शिक्षा पर खर्च करती है। महिलाओं और दलित वर्ग को नजर अंदाज किया गया है। चीमा ने कहा कि मोदी सरकार स्वामीनाथन रिपोर्ट को लागू करने से बच रही है। साल में दो करोड़ नौकरियां देने वाला पिछला वायदा भी भुला चुकी है।