गोरखपुर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को गोरखपुर में राप्ती नदी पर 18 करोड 70 लाख रूपये की लागत से बन रहे राजघाट का निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री ने निरीक्षण के दौरान गोरखपुर के जिलाधिकारी एवं सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिया कि राप्ती नदी में गिरने वाले नालों को अविलंब रोका जाय और रोहिण नदी में गिरने वाले गंदे पानी को दूसरी ओर नालों के माध्यम से मोडा जाय। उन्होंने घाट पर स्रान, शवदाह और घाट पर आने वाले लोगों के लिए विशेष प्रबंध किये जाने का निर्देश देते हुए कहा कि घाट पर शेड की व्यवस्था की जाय जिससे बारिश और गर्मी के दिनों में शवदाह के लिए आने वाले लोगों को किसी भी प्रकार की असुविधा न न होने पाये।
योगी ने यह भी कहा कि पूजन-सामग्री आदि अन्य वस्तुओं को नदी में प्रवाहित न न किया जाय और इसके लिए अलग से एक स्थान पर एकत्रित किया जाय जिससे नदी का जल प्रदूषित न होने पाये। उन्होने निरीक्षण के दौरान घाट पर बन रहे प्लेटफार्म पर लगाये गये पत्थरों की सराहना की और जिलाधिकारी तथा नगर निगम विभाग को घाट तक आने के लिए एप्रोच मार्ग को और अधिक सुगम बनाये जाने का भी निर्देश दिये।
इसके पूर्व मुख्यमंत्री ने गोरखपुर शहर के महैवा मंडी में में आठ करोड की लागत से तैयार किये गये गोसंरक्षण केन्द्र - कान्हा उपवन का लोकार्पण भी किया। मुख्यमंत्री घाट का निरीक्षण करने के बाद गोरखनाथ मंदिर पहुंचकर शिवावतारी बाबा गोरक्षनाथ का दर्शन किया और अपने गुरू ब्रहमलीन महंत अवेद्यनाथ के समाधि स्थल पर मत्था टेका। मुख्यमंत्री आज रात्रि विश्राम गोरखनाथ मंदिर में करेंगे। योगी रात्रि विश्राम करने के बाद कल सात जुलाई को सुबह कुशीनगर जायेंगे जहां वह गोरखपुर मंडल के विकास कार्यों और जनकल्याणकारी योजनाओं के प्रगति की समीक्षा करेंगे।