नई दिल्ली। कांग्रेस ने आज आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी कर्नाटक में निर्वाचित सरकार को गिराने के लिए विधायकों की खरीद फरोख्त कर रही है और उसने लोकतंत्र को बाजार बना दिया है। कर्नाटक में सत्तारुढ गठबंधन में शामिल कांग्रेस के आठ और जनता दल एस के तीन विधायकों ने आज विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफे दे दिये। इसके मद्देनजर कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने आज पार्टी के ‘वार रूम’ में बैठक कर इस पर विचार विमर्श किया। बैठक में पार्टी के वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा, मुकुल वासनिक और मल्लिकार्जुन खरगे सहित कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे जबकि पार्टी संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी और पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने बैठक में भाग नहीं लिया।
बैठक के बाद पार्टी के मीडिया प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने संवाददाताओं से कहा कि भाजपा अपनी सत्ता और धन बल के प्रलोभन से कर्नाटक में कांग्रेस और जनता दल एस की गठबंधन सरकार को गिराने की कोशिश कर रही है। राज्य में जिस दिन से यह सरकार बनी है, उसी दिन से भाजपा विधायकों को धन का प्रलोभन देकर इसे गिराने का षडयंत्र कर रही है। लोकतंत्र को बाजार बना दिया गया है। सुरजेवाला ने कहा कि भाजपा को यह चुनी हुई सरकार पच नहीं रही है। वह 12 गैर भाजपा शासित राज्यों में सरकारें गिराने की लगी रही है।
इस सिलसिला अरुणाचल प्रदेश से शुरू हुआ और पश्चिम बंगाल में भी इसकी कोशिश की जा रही है। यहां तक कि पश्चिम बंगाल के बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद कहा कि वहां कई विधायक इस्तीफा देना चाहते हैं। जब प्रधानमंत्री ही ऐसी बातें करेंगे तो लोकतंत्र का क्या होगा? कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘ जब रक्षक ही भक्षक बल जाए तो संविधान की रक्षा कौन करेगा।’’उन्होंने कर्नाटक की घटना को ‘दिन दहाड़े लोकतंत्र का चीर हरण’ करार दिया और कहा कि भाजपा को कर्नाटक में ‘वोट की चोट से जो शिकस्त मिली है, उसे वह हजम करें।’ पांच वर्ष के बाद राज्य में फिर से चुनाव होंगे और तब तक भाजपा इंतजार करें।