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तीन साल में रेलवे होगी पूर्ण विद्युतीकृत, डीजल इंजन की खरीद बंद

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jul 6 2019 2:10AM | Updated Date: Jul 6 2019 2:10AM
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नई दिल्ली। भारतीय रेलवे अगले तीन साल के भीतर अपने ब्रॉडगेज नेटवर्क को पूर्णत: विद्युतीकृत कर लेगी और उसने इसी साल से डीजल इंजनों की खरीद बंद कर दी है। रेलवे इसके साथ अत्याधुनिक ट्रेन सुरक्षा प्रणाली (एटीएस) और सीसीटीवी एवं वाई-फाई युक्त सुरक्षा प्रणाली भी लाएगी। मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल में रेलवे के ढांचागत विकास के लिए 50 लाख करोड़ रुपए के  निवेश की अति महत्वाकांक्षी योजना की आज घोषणा की और अपने पहले बजट में तकनीकी आधुनिकीकरण की दिशा में कदम बढा दिये। देश की पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में वर्ष 2019-20 के आम बजट में यह घोषणा की और कहा कि रेल परिवहन के तीव्र विकास सुनिश्चित करने तथा ट्रैकों, रोलिंग स्टॉक के निर्माण को पूरा करने और यात्री सेवाओं में सुधार के लिए सरकारी निजी भागीदारी (पीपीपी) के आधार पर निवेश किया जाएगा। वर्तमान में रेलवे का पूंजी परिव्यय करीब 1.6 लाख करोड़ रुपये है।

इस दर से सभी मंजूर परियोजनाएं पूरी करने में कई दशक लग जाएंगे। 2018-2030 के बीच रेलवे की आधारभूत संरचना के लिए 50 लाख करोड़ रुपये के निवेश की आवश्यकता होगी। बजट दस्तावेजों के अनुसार रेलवे ने तकनीकी आधुनिकीकरण की दिशा में कदम बढ़ाते हुए वर्ष 2020-21 तक रेलवे के समूचे ब्रॉडगेज के विद्युतीकरण का लक्ष्य रखा गया है। इसी के साथ रेलवे ने इस साल से डीजल इंजनों की खरीद पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। बजट में रोलिंग स्टॉक के लक्ष्यों के बारे में कहा गया कि रेलवे इस वित्त वर्ष में एक भी डीजल इंजन नहीं खरीदेगी। रेलवे 725 विद्युत इंजन, 7690 कोच और 15 हजार वैगन खरीदेगी।

दस्तावेजों के अनुसार इस वित्त वर्ष में सात हजार किलोमीटर लाइन के विद्युतीकरण करने, 3900 किलोमीटर ट्रैक के नवीकरण, 2650 किलोमीटर लाइनों के दोहरीकरण, 600 किलोमीटर का अमान परिवर्तन एवं 500 किलोमीटर नयी लाइन बिछाने का लक्ष्य रखा गया है। रेलवे ने यूरोपीयन ट्रेन कंट्रोल सिस्टम और एक स्वदेशी प्रणाली टीकैस के मिश्रण वाली ऑटोमैटिक ट्रेन प्रोटेक्शन (एटीपी) प्रणाली को गाड़यिों में लगा कर रेल परिचालन में दक्षता बढ़ाने की भी बात कही है। बजट भाषण में वित्त मंत्री ने रेलवे स्टेशनों के बड़े पैमाने पर आधुनिकीकरण करने, आधुनिक ट्रेन 18 या वंदे भारत एक्सप्रेस चलाने, देश के सभी स्टेशनों पर वाई फाई सुविधा 31 अगस्त तक शुरू करने और सभी स्टेशनों पर 2020-21 तक सीसीटीवी कैमरे लगाने की बात कही है।

इस समय 455 स्टेशनों पर वाई फाई सुविधा शुरू की जा चुकी है। रेलवे के करीब 13 लाख कर्मचारियों को नया प्रशिक्षण देने की भी बात कही गयी है। रेलवे ने दोनों समर्पित मालवहन गलियारों (डीएफसी) के निर्माण को तेज करके उसे 2021 की समयसीमा में पूरा करने का संकल्प दोहराया है तथा पूर्वी डीएफसी के खुर्जा से भाऊपुर तथा पश्चिमी डीएफसी के रेवाड़ी से पालनपुर खंड को इसी वित्त वर्ष में पूरा करके यातायात के लिए खोलने का लक्ष्य है। इससे दिल्ली हावड़ा और दिल्ली मुंबई मार्गों पर आंशिक रूप से यातायात का दबाव कम होगा। रेलवे दिल्ली मेरठ रैपिड रीजनल ट्रांसिट सिस्टम की तर्ज पर अन्य कॉरीडोर भी बनायेगी।

रेलवे ने सभी ब्रॉडगेज लाइनों पर चौकीदार रहित समपार बंद करने के बाद रेलवे ने चारों महानगरों को जोड़ने वाले स्वर्णिम चतुर्भुज एवं तिर्यक मार्गों पर 2568 फाटक वाले समपारों को भी ओवरब्रिज या अंडरपास बना कर समाप्त करने का लक्ष्य तय किया है। इन मार्गों पर रेलवे के कुल यात्री एवं माल यातायात का 50 से 60 प्रतिशत परिचालित होता है। बजट में इस वित्त वर्ष में 3750 किलोमीटर का नयी लाइन/अमान परिवर्तन/दोहरीकरण का काम पूरा हो कर यातायात प्रारंभ होने का लक्ष्य रखा गया है। रेलवे के माल ढुलाई का लक्ष्य 127.4 करोड़ टन रखा गया है जबकि रेलयात्रियों की संख्या करीब 2.9 प्रतिशत अधिक यानी 859.379 करोड़ तक लाने का लक्ष्य रखा गया है।

राजस्व अनुमानों में यात्री किराये से 56 हजार करोड़ रुपए, मालभाड़े से एक लाख 43 हजार करोड़ रुपए (12.2 प्रतिशत अधिक), कोचिंग से से करीब छह हजार करोड़ रुपए तथा अन्य माध्यमों से 11 हजार 575 करोड़ रुपए की आय का लक्ष्य है। रेलवे की इस वित्त वर्ष में यात्री एवं मालवहन से सकल आय दो लाख 16 हजार 675 करोड़ रुपए होगी, अन्य साधनों से 260 करोड़ रुपए आय होगी। इस प्रकार से रेलवे की सकल आय दो लाख 16 हजार 935 करोड़ रुपए होगी जो गत वर्ष की तुलना में 14.1 प्रतिशत ज्यादा होगी। जबकि रेलवे का कुल व्यय 207900 करोड़ रुपए होगा जो गत वर्ष की तुलना में 11.3 प्रतिशत ज्यादा है।

अतएव रेलवे का परिचालन अनुपात 95 प्रतिशत रहने का अनुमान है जबकि पिछले वित्त वर्ष में यह 97.3 प्रतिशत था। रेलवे का पूंजीगत व्यय एक लाख 60 हजार 175.64 करोड़ रुपए होगा जो गत वर्ष की तुलना में लगभग 20 प्रतिशत अधिक है। रेलवे को सकल बजटीय सहायता में वृद्धि के कारण अतिरिक्त 1250 करोड़ रुपए और निर्भया कोष से 267.64 करोड़ रुपए मिलेंगे। गत वर्ष पूंजीगत व्यय एक लाख 33 हजार 397 करोड़ रुपए था। इस साल रेलवे को सकल बजटीय सहायता 65 हजार 837 करोड़ रुपए मिलेगा जिसमें 5000 करोड़ राष्ट्रीय संरक्षा कोष के मद में और 15 हजार 250 करोड़ केन्द्रीय सड़क एवं ढांचा निधि के शामिल है। साढ़े दस हजार करोड़ रुपए आतंरिक स्रोत से आने का अनुमान है।

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