नई दिल्ली। विपक्ष ने मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले बजट को अर्थव्यवस्था को ‘चौपट’ करने वाला करार दिया और कहा कि इससे कारपोरेट तथा अंतरराष्ट्रीय वित्तीय बाजार को ही फायदा होगा, आम आदमी के लिए इसमें कोई राहत नहीं है बल्कि उन पर महंगाई की मार बढेगी। सत्ता पक्ष का कहना है कि बजट से गरीबों और किसानों को फायदा होगा तथा सबके घरों में बिजली, पानी और रसाई गैस पहुंचेगी। आधारभूत संरचना मजबूत होगी तथा महिलाओं का शक्तीकरण होगा। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तथा पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदम्बरम, बहुजन समाज प्रमुख मायावती, समाजवादी प्रमुख अखिलेश यादव, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी तथा तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ ब्रायन और अखिल भारतीय किसान सभा ने बजट को निराशाजनक बताते हुए कहा है कि देश की खस्ता अर्थव्यवस्था को ठीक करने की बजाय इससे अर्थव्यवसथा और चौपट ही होगी।
गृहमंत्री अमित शाह, पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली, रेल मत्री पीयूष गोयल , विधि मंत्री रविशंकर प्रसाद, ग्रामीण विकास मंत्री नरेद्रसिंह तोमर और महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी सहित कई मंत्रियों और भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने नये चमकते भारत का उदय करने वाला बताते हुए कहा है कि इसमें गरीबों और किसानों के अलावा महिलाओं का विशेष ध्यान रखा गया है। चिदम्बरम ने बजट को आर्थिक सुधारों को पूरी तरह से चौपट करने वाला बजट बताया और कहा कि ऐसा लगता है कि इसके निराशाजनक प्रस्तावों को सबसे निरर्थक मुख्य आर्थिक सलाहकार की मदद से तैयार किया गया है। निवेश बढाने वाले प्रस्तावों में विदेशी निवेश को कुछ प्रतिशत बढाने के अलावा इस बजट में कुछ भी नया नहीं है बल्कि नयी बोतल में पुरानी शराब है। लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, ''इसमें कुछ भी नया नहीं है। पुरानी बातों को दोहराया गया है। यह नयी बोतल में पुरानी शराब है।'' मायावती ने कहा कि बजट में दलितों और पिछड़ों के लिए कुछ नहीं है। यह बजट बड़े पूंजीपतियों को राहत पहुंचाने वाला है।