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हरियाणा को दो वर्षों में जीएसटी से मिले 55231 करोड़ रूपये

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jul 2 2019 8:32PM | Updated Date: Jul 2 2019 8:32PM
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चंडीगढ़। हरियाणा के वित्त, आबकारी एवं कराधान मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने कहा है कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) भारतीय अर्थ-व्यवस्था को सुदृढ़ करने और करों के सरलीकरण का देश की आजादी के बाद लिया गया केंद्र सरकार का एक ऐतिहासिक निर्णय साबित हुआ है तथा इसके लागू होने के दो वर्ष के दौरान हरियाणा को 55,231 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ जबकि पूरे देश के राज्यों में 11,77,370 करोड़ रुपये का संग्रहण हुआ है। कैप्टन अभिमन्यु ने जीएसटी क्रियान्वयन के दो वर्ष पूरे होने पर आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि राज्य में मूल्य वर्धित कर(वैट) तथा केंद्रीय बिक्री कर के तहत वर्तमान में 2.25 लाख करदाताओं की वर्तमान संख्या के अतिरिक्त जीएसटी के तहत दो लाख नए करदाताओं ने पंजीकरण कराया है।

इस प्रकार इसके तहत करदाताओं की संख्या 4.25 लाख से अधिक हो गई है। उन्होंने कहा कि हरियाणा की सफलता के लिए आबकारी एवं कराधान विभाग के अधिकारी और कर्मचारी बधाई के पात्र हैं जिन्होंने जीएसटी करदाताओं के साथ सभी पक्षधारकों के लिए समय-समय पर कार्यशालाओं, सम्मेलनों तथा सीधे संवाद कार्यक्रमों का आयोजन कर यह लक्ष्य प्राप्त किया और करदाताओं की संख्या का दायरा बढ़ाकर देश के समक्ष एक उदाहरण प्रस्तुत किया है। देश की जनसंख्या का 2.5 प्रतिशत से कम प्रतिनिधित्व होने के बावजूद भी हरियाणा में प्रति व्यक्ति जीएसटी संग्रहण राष्ट्रीय औसत से लगभग ढाई गुणा ज्यादा है।

वर्ष 2011 की जनगणना के आंकड़ों के अनुसार प्रति व्यक्ति जीएसटी का राष्ट्रीय औसत संग्रहण 9370.33 रुपये है जबकि हरियाणा में यह 21,744.49 रुपये है। मंत्री ने बताया कि वित्त वर्ष 2017-18 में जीएसटी क्रियान्वयन के बाद आठ महीने के दौरान राज्य जीएसटी, केंद्रीय या जीएसटी, एकीकृत वस्तु एवं सेवाकर तथा सेस सहित कुल संग्रहण 36815 करोड़ रुपये रहा जो औसतन 4601 करोड़ रुपये प्रतिमाह रहा तथा इस दौरान जीएसटी के अंतर्गत राज्य का संग्रहण 10178 करोड़ रुपये रहा जिसमें कुछ अस्थायी एकीकृत वस्तु एवं सेवाकर के मामले के निपटान भी शामिल थे।

उन्होंने बताया कि वर्ष 2017-18 के दौरान राज्य का संरक्षित राजस्व 13200 करोड़ रुपये का रहा जिसमें 1933 करोड़ रुपये के वैट तथा केन्द्रीय बिक्री कर के मामलों की प्रतिपूर्ति होनी थी जिसमें से 1199 करोड़ रुपये प्राप्त हुए तथा 667 करोड़ रुपये की प्राप्ति अस्थायी एकीकृत वस्तु एवं सेवाकर के निपटान के रूप में हुई। वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान अस्थायी एकीकृत वस्तु एवं सेवाकर के निपटान सहित राज्य में जीएसटी संग्रहण 16541 करोड़ रुपये रहा जो गत वर्ष के 1199 करोड़ रुपये औसतन प्रतिमाह 1272 करोड़ रुपये और 1378 करोड़ रुपये के बीच रहा और 8.33 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। कैप्टन अभिमन्यु के अनुसार वर्ष 2018-19 के दौरान राज्य का संरक्षित राजस्व 22560 करोड़ रुपये का रहा जिसमें 1880 करोड़ रुपये के मूल्य संवर्धन कर तथा केंद्रीय बिक्री कर के मामलों की प्रतिपूर्ति के लिए 2820 करोड़ रुपये प्राप्त हुए तथा 2476 करोड़ रुपये की प्राप्ति अस्थायी एकीकृत वस्तु एवं सेवाकर के निपटान के रूप में हुई।

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