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2024 तक देश को 50 खरब डालर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य : कोविंद

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jun 20 2019 3:12PM | Updated Date: Jun 20 2019 3:13PM
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नई दिल्ली। राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने कहा है कि देश दुनिया की सबसे तेजी से विकसित अर्थव्यवस्थाओं में एक है और हमारा लक्ष्य है कि वर्ष 2024 तक यह 50 खरब डालर की अर्थव्यवस्था बने। नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में गुरुवार को संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए कोविंद ने कहा  की लोगों के जीवन को बेहतर बनाने में आर्थिक विकास की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका होती है। उन्होंने कहा कि आज देश विश्व की सबसे तेजी से विकसित अर्थव्यवस्थाओं में एक है।
 
महंगाई दर कम होने के साथ वित्तीय घाटा नियंत्रण में है, विदेशी मुद्रा का भंडार बढ़ रहा है और ‘मेक इन इंडिया’ का प्रभाव स्पष्ट रुप से दिखाई दे रहा है। उन्होंने कहा कि सकल घरेलू उत्पाद(जीडीपी) के लिहाज से देश विश्व की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। विकास दर की गति को उच्च स्तर पर बनाए रखने के लिए आर्थिक सुधारों की प्रकिया जारी रहेगी और वर्ष 2024 तक देश को 50 खरब डालर की अर्थव्यस्था बनाने का लक्ष्य है। राष्ट्रपति ने कहा की देश को विश्व विनिर्माण का केंद्र बनाने के लिए तेजी से काम हो रहा है।
 
उद्योग की विकास गति के लिए जल्दी ही नयी औद्योगिक नीति की घोषणा की जायेगी। देश ने ‘सहजता से कारोबार’ करने की दिशा में लंबी छलांग लगाई है। वर्ष 2014 में ‘सहजता से कारोबार’ के मामले में विश्व में 142वें पायदान की तुलना में पिछले पांच वर्षों के दौरान 65 पायदान का सुधार हुआ और अब हम 77 वें स्थान पर हैं। उन्होंने कहा कि इस श्रेणी में विश्व के शीर्ष 50 देशों की सूची के लक्ष्य को हासिल करने के लिए राज्यों के साथ मिलकर,नियमों को सरल बनाने की प्रक्रिया को और तेज किया जायेगा।
 
इसी कड़ी में कंपनी कानून में आवश्यक बदलाव लाये जा रहे हैं। आर्थिक विकास की गति में कर तंत्र की महत्वपूर्ण भूमिका का उल्लेख करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि इस दिशा में निरंतर सुधार के साथ-साथ सरलीकरण पर भी जोर दिया जा रहा है। पांच लाख रुपये तक की आय को कर मुक्त करने के फैसले को इस दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम बताते हुए कोविंद ने कहा कि अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था को भी आसान और प्रभावी बनाया जा रहा है । वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के लागू होने से ‘एक देश,एक कर,एक बाजार’ की सोच साकार हुई है। जीएसटी को आगे और सरल बनाने के प्रयास जारी रहेंगे। उन्होंने कहा कि छोटे व्यापारियों के हितों को ध्यान में रखकर सरकार ने उनके लिए नयी पेंशन योजना शुरु की है।
 
जल्दी ही ‘राष्ट्रीय व्यापारी कल्याण बोर्ड’ का गठन किया जायेगा और खुदरा कारोबार में बढ़ोतरी के लिए ‘राष्ट्रीय खुदरा व्यापार नीति’ भी बनाई जायेगी। जीएसटी के तहत पंजीकृत सभी व्यापारियों को दस लाख रुपये तक का दुर्घटना बीमा भी उपलब्ध कराया जायेगा। मध्यम-लघु और सूक्ष्म उद्योग क्षेत्र को अर्थव्यवस्था का मजबूत आधार और इस क्षेत्र की रोजगार सृजन में बड़ी भूमिका का जिक्र करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि छोटे उद्यामियों के लिए कारोबार में नगदी का प्रवाह बना रहे इसके लिए अनेक कदम उठाए गए हैं । इस क्षेत्र से जुड़े कारोबारियों को ऋण मिलने में दिक्कत नहीं हो, इसके लिए रिण गारंटी का दायरा एक लाख करोड़ रुपये तक बढ़ाने पर काम किया जा रहा है।
 
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