फ्रैंकफर्ट। हिमाचल प्रदेश में आर्युजीनोमिक्स (आयुर्वेद और जीनोमिक्स), सटीक चिकित्सा, सटीक कृषि आदि क्षेत्रों में सहयोग की सम्भावनाएं तलाशने को लेकर राज्य सरकार और फ्रैंकफर्ट इनोवेशन जैंटरम (एफआईजेड) के बीच इस आशय के एक समझौते पर हस्ताक्षर हुये हैं। राज्य में आगामी सितम्बर में धर्मशाला में प्रस्तावित ग्लोबल इन्वेस्टर सम्मेलन के लिये जर्मनी और नीदरलैंड के दौरे पर गये मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और एक शिष्टमंडल की मौजूदगी में समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। समझौते पर एफआईजेड की ओर से इसके मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. क्रिस्टियन गारबे तथा राज्य सरकार की ओर से उद्योग विभाग के प्रतिनिधि ने हस्ताक्षर किये। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में विभिन्न जलवायु परिस्थितियां और विविध भौगोलिक स्थितियां होने के कारण प्रदेश औषधीय पौधों की खेती के लिए अनुकूल है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सभी इच्छुक उद्यमियों को राज्य में अपनी औद्योगिक ईकाइयां स्थापित करने के लिए हरसंभव मदद करेगी। इस अवसर पर ड0 गारबे ने एफआईजेड के कामकाज और सम्बंधित गतिविधियों पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी। उन्होंने एक-दूसरे से सीखने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि इससे स्थानीय आवश्यकताओं की बेहतर समझ होने के साथ यह भी मालूम होगा कि कैसे हेल्थकेयर और वेलनेस सेक्टरों में आर्युजीनोमिक एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ0 श्रीकांत बाल्दी, अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग मनोज कुमार, निदेशक उद्योग हंसराज शर्मा, विशेष सचिव अबिद हुसैन सादिक, वाणिज्य दूत प्रतिभा पारकर और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।