नई दिल्ली। वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल बी एस धनोआ ने अरूणाचल प्रदेश में छह दिन पहले लापता हुए परिवहन विमान ए एन-32 में सवार वायु सैनिकों के परिजनों से आज जोरहाट में मुलाकात की और विमान की तलाशी के लिए चलाये जा रहे अभियान का जायजा लिया। ए एन-32 विमान ने गत सोमवार को दिन में 12 बजकर 25 मिनट पर जोरहाट से अरुणाचल प्रदेश के पश्चिमी सियांग जिले स्थित मेचुका एडवांस लैडिंग ग्राउंड के लिए उडान भरी थी। दिन में एक बजे इस विमान का नियंत्रण कक्ष से संपर्क टूट गया। विमान में वायु सेना के 13 जवान और अधिकारी सवार थे। एयर चीफ मार्शल धनोआ आज जोरहाट वायु सेना स्टेशन पहुंचे और तलाशी अभियान का जायजा लिया। अधिकारियों ने उन्हें अभियान से संबंधित जानकारी दी। बाद में उन्होंने इस विमान में सवार वायु सैनिकों के कुछ परिजनों से भी मुलाकात की और उन्हें विमान में सवार लोगों का पता लगाने के लिए हर संभव प्रयास करने का आश्वासन दिया। वायु सेना के अनुसार विमान की तलाशी के लिए शनिवार को भी अभियान जारी रहा।
जिस क्षेत्र में तलाश की जा रही है वह पर्वतीय और वन क्षेत्र है। मौसम प्रतिकूल होने और बारिश तथा बादलों के कारण अभियान प्रभावित हो रहा है। यह हवाई अभियान के लिए चुनौतीपूर्ण है। मौसम के कारण बार-बार हवाई अभियान को रोकना पड़ता है। सेना, आईटीबीपी, राज्य पुलिस और स्थानीय लोगों की जमीनी टीमें निरंतर अभियान चला रही है लेकिन विमान के बारे में किसी तरह का सुराग नहीं मिला है। वायु सेना ने पिछले तीन दिनों से विमान की तलाशी के लिए चलाये जा रहे अभियान में तेजी के साथ-साथ उसका दायरा बढा रखा है। सेना के मानव रहित यान के साथ-साथ भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के उपग्रह कार्टोसेट तथा रिसेट भी दुर्घटना के संभावित क्षेत्र की लगातार तस्वीरें ले रहे हैं।
इसके अलावा सेना तथा स्थानीय पुलिस की जमीनी टीमें भी खोज अभियान में जुटी हुई हैं। अभियान में 4 एमआई-17 हेलिकॉप्टर, उन्नत हल्के हेलिकॉप्टर, दो सुखोई विमान, एक परिवहन विमान सी-130 और सेना के एक मानवरहित यान को लगाया गया है। ए एन-32 विमान का सबसे भयानक हादसा 22 जुलाई 2016 में हुआ था। चेन्नई के ताम्बरम हवाई अड्डे से उडान भरने वाला वह विमान पश्चिम बंगाल की खाड़ी के उपर उडान के दौरान लापता हो गया था। उस विमान में 29 लोग सवार थे और इसके बारे में बाद में कोई सुराग नहीं मिला। दस वर्ष पहले 2009 में भी अरूणाचल प्रदेश में भी एक ए एन-32 विमान लापता हो गया था। उस विमान में भी 13 लोग सवार थे। वर्ष 1999 में दिल्ली में ए एन-32 विमान दुर्घटना में 21 लोगों की मौत हो गयी थी।