नई दिल्ली। अरूणाचल प्रदेश में लापता वायु सेना के परिवहन विमान ए एन-32 की तलाश के लिए लगातार पांचवें दिन तलाशी अभियान जारी है लेकिन विमान के बारे में किसी तरह का सुराग नहीं मिला है। शुक्रवार सुबह आठ बजे सबसे पहले नौसेना के लंबी दूरी के टोही विमान पी-8 आई ने विमान लापता होने के संभावित क्षेत्र के उपर उडान भरी। इसके बाद वायु सेना के आधुनिकतम और विशालकाय परिवहन विमान सी-130 जे ने भी क्षेत्र के उपर तलाशी उडान भरी। इसी बीच एम आई -17 हेलिकॉप्टरों ने भी अपना अभियान शुरू किया जिसे खराब मौसम और रात के कारण रोक दिया गया था। वायु सेना ने पिछले दो दिनों से विमान की तलाशी के लिए चलाये जा रहे अभियान में तेजी के साथ-साथ उसका दायरा बढा रखा है।
सेना के मानव रहित यान के साथ-साथ भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के उपग्रह कार्टोसेट तथा रिसेट भी दुर्घटना के संभावित क्षेत्र की लगातार तस्वीरें ले रहे हैं। इसके अलावा सेना तथा स्थानीय पुलिस की जमीनी टीमें भी खोज अभियान में जुटी हुई हैं। अभियान में इसमें 4 एमआई-17 हेलिकॉप्टर, उन्नत हल्के हेलिकॉप्टर, दो सुखोई विमान, एक परिवहन विमान सी-130 और सेना के एक मानवरहित यान को लगाया गया है। ए एन-32 विमान ने सोमवार को दिन में 12 बजकर 25 मिनट पर असम के जोरहाट से अरुणाचल प्रदेश के पश्चिमी सियांग जिले स्थित मेचुका एडवांस लैंडिंग ग्राउंड के लिए उडान भरी थी। एक बजे के करीब इस विमान का नियंत्रण कक्ष और अन्य एजेन्सियों से संपर्क टूट गया। वायु सेना ने विमान से संपर्क टूटने और इसके गंतव्य तक नहीं पहुँचने पर उसकी तलाश के लिए जरूरी कार्रवाई शुरू कर दी थी। विमान में चालक दल सहित 13 वायु सैनिक सवार थे।
इस बीच लापता विमान में सवार वायु सैनिकों में से कुछ के परिजनों ने गुरूवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की थी। रक्षा मंत्री ने उन्हें तलाशी अभियान के बारे में विस्तार से जानकारी दी और कहा कि सरकार विमान का पता लगाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। ए एन-32 विमान का सबसे भयानक हादसा 22 जुलाई 2016 में हुआ था। चेन्नई के ताम्बरम हवाई अड्डे से उडान भरने वाला वह विमान पश्चिम बंगाल की खाड़ी के उपर उडान के दौरान लापता हो गया था। उस विमान में 29 लोग सवार थे और इसके बारे में बाद में कोई सुराग नहीं मिला। दस वर्ष पहले 2009 में भी अरूणाचल प्रदेश में भी एक ए एन-32 विमान लापता हो गया था। उस विमान में भी 13 लोग सवार थे। वर्ष 1999 में दिल्ली में ए एन-32 विमान दुर्घटना में 21 लोगों की मौत हो गयी थी।