नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री इन दिनों महिलाओं को सभी डीटीसी बसों और मेट्रो में महिलाओं को मुफ्त यात्रा की सुविधा देने को लेकर चर्चा में हैं, लेकिन आपको बता दें कि दुनिया के कई ऐसे देश और शहर भी हैं, जहां पब्लिक ट्रांसपोर्ट पूरी तरह फ्री है या करने की तैयारी चल रही है। यही नहीं, जर्मनी, बेल्जियम और फ्रांस जैसे देशों से घिरा लग्जमबर्ग दुनिया का पहला ऐसा देश बनने जा रहा है, जहां पब्लिक ट्रांसपोर्ट सभी के लिए फ्री हो जाएगा। यह योजना मार्च 2020 से लग्जमबर्ग में लागू हो जाएगी। यह यूरोप के सबसे छोटे देशों में से एक है, लेकिन यहां भयंकर जाम लगता है। यहां की आबादी सिर्फ 602,000 है।
इसके अलावा, बाल्टिक समुद्र और फिनलैंड की खाड़ी के बॉर्डर पर बसी एस्टोनिया की राजधानी टालिन में 5 साल पहले साल 2013 में मुफ्त पब्लिक ट्रांसपोर्ट लागू किया गया। लोगों से बाकायदा मुफ्त ट्रांसपोर्ट के मुद्दे पर वोटिंग कराई गई, जिस पर 75 प्रतिशत लोगों ने हामी भरी। लोगों को केवल खुद को शहर के नागरिक के तौर रजिस्टर कराना था और ग्रीन कार्ड के लिए 2 पाउंड चुकाने थे, लेकिन एस्टोनिया के अन्य हिस्सों से यहां आने वाले विजिटर्स और पर्यटकों को टालिन नेटवर्क की बसों, ट्रॉली बसों, ट्रेन और ट्राम के इस्तेमाल के लिए पैसे चुकाने पड़ते हैं। यह स्कीम इतनी मशहूर हुई कि एस्टोनिया की सरकार अब पूरे देश की बसों में यात्रा मुफ्त की प्लानिंग कर रही है।
वहीं, हस्सेल्ट बेल्जियम में लिम्बर्ग प्रांत की राजधानी है। यहां पब्लिक ट्रांसपोर्ट में किराया साल 1997 में ही खत्म कर दिया गया था। इस कदम से 2006 तक सवारियों की तादाद में 13 गुना बढ़ोतरी हुई। इस स्कीम को 19 साल बाद खत्म किया गया. लेकिन अब भी 19 साल से कम उम्र के लोग मुफ्त में यात्रा कर सकते हैं।
जर्मनी की सरकार सबसे प्रदूषित शहरों में पब्लिक ट्रांसपोर्ट को मुफ्त करने की योजना बना रही है, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग अपना वाहन छोड़कर पब्लिक ट्रांसपोर्ट में सफर करें। इस योजना के लिए जर्मनी के सबसे प्रदूषित शहर बॉन, एसेन, रॉटलिंगन, मैनहेम और हेरनबर्ग को चुना गया है। बढ़ते वायु प्रदूषण से जूझ रहे जर्मनी पर यूरोपियन यूनियन का जबरदस्त दबाव है। ईयू ने बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर जर्मनी पर जुर्माना लगाने की चेतावनी दी है।