20 Apr 2024, 06:35:49 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android
news » National

रंजना कुमारी विश्व के सौ प्रभावशाली लोगों में शुमार

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jun 3 2019 9:40PM | Updated Date: Jun 3 2019 9:40PM
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

नई दिल्ली। महिला अधिकार के क्षेत्र में कार्यरत संगठन सेंटर फार सोशल रिसर्च की निदेशक डॉ. रंजना कुमारी को वर्ष 2019 के लिए लैंगिक नीति में 100 सबसे प्रभावशाली लोगों में शामिल किया गया है। उत्तर प्रदेश के वाराणसी में स्कूली शिक्षा प्राप्त करने के बाद जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय से राजनीति शास्त्र में पीएचडी करने वाली रंजना को अपोलिटिकल संस्था की ओर से इस बार की वार्षिक सूची में नौ हज़ार से अधिक प्राप्त नामांकन से चुना गया है। इस सूची में यूएन वूमन की कार्यकारी निदेशक  फुमजलिम्लम्बोन्गुका,रूथ बेडर-गिन्सबर्ग,  विश्व बैंक समूह में लैंगिक विषयों के वरिष्ठ निदेशक मिशेल बेचेलेट, पूर्व अमरीकी राष्ट्रपति ओमाबा की पत्नी मिशेल ओबामा और स्वीडन की विदेश मंत्री मार्गरेट वल्स्त्राम शामिल हैं।

विभिन्न देशों की सरकारों, अंतरराष्ट्रीय संगठनों और शैक्षणिक समुदायों की ओर से प्राप्त  नामांकन के आधार पर इस सूची को तैयार किया गया, जिसमें यूएएन वूमन, वूमन डिलीवर, वूमन इन ग्लोबल हेल्थ, जी-7 जेंडर इक्वलिटी एडवाइजरी काउंसिल, हार्वर्ड और गेट्स फाउंडेशन शामिल थे। रंजना कुमारी ने कहा, ‘‘लैंगिक नीति में 100 सबसे प्रभावशाली लोगों की सूची में शामिल होना मेरे लिए बेहद सम्मान की बात है। मैं सभी विजेताओं और नामित व्यक्तियों को बधाई देती हूँ। अपॉलिटिकल की सूची इस बात का प्रमाण है कि पूरी दुनिया में हजारों लोग लैंगिक समानता के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं। पूरी दुनिया में बहुत सारे अच्छे कार्य हो रहे हैं, तथा पूरे विश्व को महिलाओं के लिए न्यायसंगत स्थान बनाने की दिशा में अभी भी बहुत कुछ किए जाने की जरूरत है।’’ 

उन्होंने अपना जीवन दक्षिण एशियाई क्षेत्र में महिलाओं के सशक्तीकरण को समर्पित किया है।  वर्ष 1976 में उनके घर के समीप एक महिला की दहेज के लिए हत्या की गयी थी, और इस घटना के प्रति अत्यधिक चिंता ने ही उन्हें सामाजिक कार्य में पहल हेतु प्रेरित किया। इसके बाद उन्होंने विश्व प्रसिद्ध प्रकाशन ‘ब्राइड्स आर नॉट फार बर्निंग’ के माध्यम से अपनी सक्रियता का प्रदर्शन किया। उन्होंने  लैंगिक मुद्दों पर आठ अन्य पुस्तकों की भी रचना की है। वह ‘गर्भाधान-पूर्व एवं प्रसव-पूर्व नैदानिक परीक्षण अधिनियम, 2001’ में केंद्रीय सलाहकार बोर्ड की सदस्य हैं, साथ ही वह महिलाओं एवं बच्चों की तस्करी की रोकथाम के लिए केंद्रीय सलाहकार समिति में भी शामिल हैं। उनके कुछ सर्वाधिक जोशपूर्ण अभियानों में लोकतंत्र और शासन में महिलाओं की भागीदारी, दहेज प्रथा एवं दहेज संबंधी हिंसा की समाप्ति, तथा कन्या भ्रूण हत्या का उन्मूलन शामिल है। वह फेसबुक के वैश्विक सुरक्षा सलाहकार बोर्ड और ट्विटर की विश्वास एवं सुरक्षा परिषद की सदस्य भी हैं। वर्ष 2015 में उन्हें  एशिया में महिलाओं एवं समाज की भलाई में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए प्रतिष्ठित लोटस लीडरशिप अवार्ड से भी सम्मानित किया गया है।

  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

More News »