28 Mar 2024, 16:45:00 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android
news » National

चंद्रयान -2 मिशन के पेलोडों पर अंतिम निर्णय

By Dabangdunia News Service | Publish Date: May 10 2019 3:14PM | Updated Date: May 10 2019 3:14PM
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

बेंगलुरु। चंद्रमा पर भारत के दूसरे अभियान चंद्रयान-2 में आंकड़े जुटाने तथा प्रयोग आदि के लिए कुल 14 पेलोड भेजे जायेंगे जो पूरी तरह स्वदेशी होंगे। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने यह जानकारी दी। उसने बताया कि मिशन के तीन मॉड्यूलों में ऑर्बिटर पर आठ, लैंडर पर चार और रोवर पर दो पेलोड होंगे। चंद्रयान का प्रक्षेपण इस साल 09 से 16 जुलाई के बीच किया जायेगा और इसके चंद्रमा पर पहुँचने के लिए 06 सितम्बर का समय तय किया गया है।

इससे पहले अक्टूबर 2008 में भेजे गये चंद्रयान-1 में कुल 11 पेलोड भेजे गये थे जिनमें छह भारतीय, तीन यूरोपीय और दो अमेरिकी थे। इसरो ने बुधवार को बताया कि चंद्रयान-2 के तीनों मॉड्यूलों को 09 से 16 जुलाई के बीच प्रक्षेपण के लिए तैयार किया जा रहा है। इसके 06 सितंबर को चंद्रमा पर पहुँचने की उम्मीद है। प्रक्षेपण के समय ऑर्बिटर और लैंडर मॉड्यूल एक-दूसरे से जुड़े रहेंगे। रोवर को लैंडर के भीतर रखा जायेगा। प्रक्षेपण के बाद पहले इन्हें पृथ्वी की कक्षा में स्थापित किया जायेगा।

बाद में पहले से तय कार्यक्रम के अनुसार कक्षा में परिवर्तन कर इसे चंद्रमा की कक्षा में स्थापित किया जायेगा। चंद्रमा की कक्षा में पहुँचकर लैंडर ऑर्बिटर से अलग हो जायेगा तथा चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास पहले से तय स्थान पर आहिस्ता से चंद्रमा की सतह पर उतरेगा। इसे विक्रम नाम दिया गया है। इसके बाद रोवर भी लैंडर से अलग हो जायेगा और वैज्ञानिक आँकड़े तथा नमूने एकत्र करने के लिए चंद्रमा की सतह का भ्रमण करेगा। इसे प्रज्ञान नाम दिया गया है।

लैंडर और ऑर्बिटर वैज्ञानिक अनुसंधानों के लिए उपकरणों से लैस होंगे। इस दौरान ऑर्बिटर चंद्रमा की कक्षा में उसकी सतह 100 किलोमीटर की ऊँचाई पर चक्कर  लगाते हुये उसकी नजदीकी तस्वीरें एकत्र करता रहेगा। इस मिशन का प्रक्षेपण स्वदेशी प्रक्षेपण यान जीएसएलवी एमके-3 की मदद से किया जायेगा। प्रक्षेपण यान का वजन 3.8 टन होगा। चंद्रयान-1 के प्रक्षेपण के लिए पीएसएलवी का इस्तेमाल किया गया था। चंद्रयान-1 चंद्रमा की सतह पर पानी की उपस्थिति खोजने में सफल रहा था। 

 
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

More News »