नई दिल्ली। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने राष्ट्रीय राजमार्ग विकास प्राधिकरण को कर्ज में डुबोने के विपक्ष के आरोपों को बेबुनियाद बताया है और कहा है कि कांग्रेस शासन के 50 साल की तुलना में मोदी सरकार के पांच साल में ढांचागत विकास ज्यादा हुआ है तथा सड़क निर्माण की मापन पद्धति में कोई बदलाव नहीं किया गया है। गडकरी ने गुरुवार को यूनीवार्ता से साक्षात्कार में कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार ने राजमार्गों के निर्माण की उसी पद्धति और मापदंड को अपनाते हुए काम किया है जिन मापदंडों के आधार पर संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार काम कर रही थी। संप्रग के समय सड़कों का निर्माण दो किलोमीटर प्रतिदिन हो रहा था जो आज 32 किलोमीटर रोजाना हो गया है।
उन्होंने कहा कि सड़कों के मापन को गलत बनाने वालों को वह चुनौती देते हैं और डंके की चोट पर कहते हैं कि माप के तरीके में कोई गड़बड़ी नहीं हुई है और न ही किसी तरह का बदलाव किया गया है। केद्रीय मंत्री ने कहा कि राजग ने पांच साल में पहले के मापदंड के अनुसार काम किया है और एनएचएआई को कर्ज में डुबोनो की बजाय फायदे में पहुंचाया है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार अब तक साढ़े 11 लाख करोड़ रुपए की लागत से सड़कों के निर्माण का काम दे चुकी है। एनएचएआई को सड़कों को बेचने से पहले 6400 रिपीट 6400 करोड़ रुपए मिलने थे लेकिन बाद में उसे 9600 रिपीट 9600 करोड़ रुपए मिले हैं। उन्होंने कहा कि अब स्थिति यह है कि लोग एनएचएआई के पीछे घूम रहे हैं कि उनसे पैसा लीजिए। उन्होंने कहा कि सड़कों के निर्माण के लिए उनके पास धन की कमी नहीं है। धन के लिहाज से एनएचएआई बहुत मजबूत है।
उन्होंने कहा कि 2014 में उन्होंने जब सड़क परिवहन मंत्रालय का काम संभाला था, उस समय 430 परियोजनाएं बंद पड़ी थीं और उन्होंने इन परियोजनाओं को शुरू कराया है। कांग्रेस की सरकार ने उस समय बैंकों के तीन लाख करोड़ रुपए गैर निष्पादित राशि में डाल दिए थे लेकिन उन्होंने बैंकों को उस एनपीए से बाहर निकाला है। गडकरी ने कहा कि उनकी सरकार ने पारदर्शी तरीके से काम किया हैं और उसी का परिणाम है कि 50 साल में जितना काम ढांचागत विकास क्षेत्र में नहीं हुआ था, उससे जयादा काम पिछले पांच साल में हुआ है। मंत्रालय ने पांच साल में 17 लाख करोड़ रुपए का काम दिया है लेकिन एक भी ठेकेदार उनके पास नहीं आया। सड़कें इतनी बढिया बनीं है कि उसे लम्बे समय तक कोई नुकसान नहीं होने वाला है। गंगा को स्वच्छ करने संबंधी सवाल पर उन्होंने कहा कि अगले वर्ष मार्च तक यह पवित्र नदी पूरी तरह से निर्मल हो जायेगी। इससे जुड़ी परियोजनाओं पर तेजी से काम चल रहे हैं जो अगले वर्ष तक पूरे हो जायेंगे।