नई दिल्ली। रमजान का महीना शुरू हो चुका है, लेकिन रोजेदारों को चिलचिलाती गर्मी में ठंडक देना वाला हमदर्द का शरबत रूह अफजा बाजार से गायब है। सोशल मीडिया पर इस तमाम अटकलें लगाई जा रही हैं। रमज़ान के ऐन मौके पर रूहअफ्ज़ा का नहीं मिलना लोगों को खासा परेशान कर रहा है। दुकानें से लेकर ऑनलाइन शॉपिंग पोर्टल पर भी रूह अफजा ऑउट ऑफ स्टॉक हो गया है। इस बीच पाकिस्तानी कंपनी हमदर्द ने भारत में रूह अफजा की आपूर्ति करने की पेशकश की है। वहीं सोशल मीडिया पर यूजर्स रूहअफजा शर्बत की कमी को लेकर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।
इकनोमिक्स टाइम्स में छपी खबर के मुताबिक, कंपनी के पारिवारिक विवाद के चलते अप्रैल से इसका प्रोडक्शन बंद है। हालांकि कंपनी के चीफ सेल्स और मार्केटिंग अधिकारी मंसूर अली ने कहा कि शरबत में उपयोग आने वाले कुछ तत्व की कमी के कारण सप्लाई में कमी आई है। उनके मुताबिक सप्लाई गैप को एक हफ्ते में पूरा कर दिया जाएगा। अली के मुताबिक 400 करोड़ रुपए के इस ब्रांड की बिक्री गर्मी के दिनों में 25 फीसदी बढ़ जाती है। रूह अफजा का करीब 1000 करोड़ रुपये के सिरप ड्रिंक्स मार्केट के आधे हिस्से पर कब्जा है।
वेबसाइट के मुताबिक, ऐसी खबरें हैं कि हमदर्द के फाउंडर हकीम हफीज अब्दुल मजीद, उनके पोते अब्दुल मजीद और उसके कजीन हमद अहमद के बीच कंपनी के नियंत्रण को लेकर विवाद चल रहा है। अहमद ने मजीद के खिलाफ केस फाइल किया है जिसके कारण प्रोडक्शन बंद है। एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि पिछले 4 महीने से परिवार में विवाद के कारण सप्लाई में कमी है। प्रोडक्शन पिछले साल नवंबर से ही बंद है।
इस बीच पाकिस्तान में रूह अफजा बनाने वाली कंपनी के एमडी ने वाघा बॉर्डर के रास्ते भारत में रूह अफजा भेजने की पेशकश की है। पाकिस्तान के हमदर्द कंपनी के एमडी उसामा कुरैशी ने ट्वीट भी किया है और कहा है कि वो भारत को रूह अफजा मुहैया करा सकते हैं। हमदर्द कंपनी साफी, सिंकारा, मस्तुरिन और जोशीना जैसे दवा ब्रांड भी बनाती है। हमदर्द ने 1906 में इसका उत्पादन गाजियाबाद से शुरू किया था। जब देश में बंटवारे का माहौल था और इसमें 'हमदर्द' भी बंट गया और अब्दुल के मरने के बाद उनके छोटे बेटे हकीम मोहम्मद सईद ने पाकिस्तान चल गए। उन्होंने वहां कराची से हमदर्द की शुरूआत की। पाकिस्तान में हमदर्द जानामाना ब्रांड है।