नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र परिषद में पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) सरगना मौलाना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने को लेकर आज (बुधवार) को फैसला आने की उम्मीद है। माना जा रहा है कि चीन भी मसूद के वैश्विक आतंकी घोषित कराए जाने के प्रस्ताव का समर्थन कर सकता है। विदेश मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 समित बुधवार को इस मुद्दे पर बैठक करेगी। वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर बताया, “मई दिवस मसूद अजहर के लिए मौत की घंटी बनने जा रहा है। संयुक्त राष्ट्र परिषद में उसे वैश्विक आतंकवादी घोषित किया जाएगा। वैश्विक मांग को देखते हुए चीन भी अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन के साथ आने वाला है।”
वहीं कई न्यूज एजेंसियां भी दावा कर रही हैं कि चीन सकारात्मक रुख दिखाते हुए अपनी असहमति वापस ले सकता है। पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए हमले के बाद भारत, अमेरिका और ब्रिटेन सहित अन्य सदस्य देशों ने संयुक्त राष्ट्र परिषद में मसूद को वैश्विक आतंकी घोषित करने को लेकर प्रस्ताव पारित किया था, जिसमें चीन ने अड़ंगा लगा दिया था। अगर मसूद अजहर का वैश्विक आतंकवादी घोषित किया जाता है, तो यह मोदी सरकार की एक बड़ी कूटनीतिक जीत होगी।
उधर, चीनी विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र द्वारा वैश्विक आतंकी घोषित कराने के जटिल मुद्दे का उचित समाधान निकाला जाएगा। लेकिन उसने कोई समयसीमा नहीं बताई। असल में अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने अजहर के मुद्दे को सीधे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में ले जाकर बीजिंग पर दबाव बढ़ा दिया है।
जिसके बाद से चर्चा है कि अजहर को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 अल कायदा प्रतिबंध समिति के तहत सूचीबद्ध करने ताजा प्रस्ताव पर तकनीकी रोक हटाने पर चीन ने सहमति जता दी है। इस मामले में उठे प्रश्नों के संबंध में मीडिया को जारी बयान में प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा कि ,‘मैं केवल इतना कह सकता हूं कि मुझे भरोसा है कि उचित तरीके से इसका समाधान निकलेगा।’