नई दिल्ली। वित्तीय संकट के कारण ‘अस्थायी तौर पर’ परिचालन बंद कर चुकी निजी विमान सेवा कंपनी जेट एयरवेज के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विनय दूबे के नेतृत्व में कंपनी के प्रबंधन तथा कर्मचारियों के एक संयुक्त प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात की और अंतरिम राहत के तौर पर कम से एक माह के वेतन के लिए नकदी उपलब्ध कराने की माँग की। जेटली से यहाँ उनके आवास पर मिलने के बाद श्री दूबे ने बताया कि उन्होंने वित्त मंत्री को एक ज्ञापन देकर कंपनी की स्थिति से अवगत कराया। साथ ही कंपनी की हिस्सेदारी बेचने की प्रक्रिया पूरी होने तक कर्मचारियों को अंतरिम राहत देने के लिए एक माह के वेतन की व्यवस्था करने की माँग की।
उन्होंने बताया कि जेटली ने उन्हें इस संबंध में जेट एयरवेज का ऋणदाता बैंकों से बात करने का आश्वासन दिया जिन्होंने ऋण समाधान प्रक्रिया के तहत हिस्सेदारी बेचने के लिए बोली आमंत्रित की है। इस संबंध में तीन-चार दिन में स्थिति स्पष्ट होने की उम्मीद है। दूबे ने ‘यूनीवार्ता’ को बताया कि कर्मचारियों को एक महीने का वेतन देने के लिए कंपनी को 170 करोड़ रुपये की जरूरत है। उन्होंने कहा कि पायलटों को साढ़े तीन महीने से और अभियंताओं को तीन महीने से वेतन नहीं मिला है। कुछ कर्मचारी मजबूरी में कंपनी छोड़कर चले गये हैं। हिस्सेदारी बिक्री प्रक्रिया पूरी होने के बाद एयरलाइंस का परिचालन शुरू करने के लिए कर्मचारियों को कंपनी छोड़ने से रोकने के उपाय करना जरूरी है क्योंकि कर्मचारियों से ही एयरलाइंस है। इस बैठक में कुछ देर के लिए नागरिक उड्डयन सचिव प्रदीप ंिसह खरोला, महाराष्ट्र के वित्त मंत्री सुधीर मुंगानतिवर और कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधि भी शामिल थे।