नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि शादी का झूठा वादा कर संबंध बनाना रेप के दायरे में है। रेप समाज के खिलाफ किया गया अपराध है। यह शारीरिक और नैतिककता के खिलाफ किया गया अपराध है। इसमें शरीर, दिमाग और निजता पर हमला किया जाता है। हत्या शरीर को नष्ट करती है जबकि रेप आत्मा को अपवित्र और अपमानित करता है।
यह समाज के खिलाफ ऐसा अपराध है जिसमें महिला के सर्वोच्च सम्मान पर आघात होता है। सुप्रीम कोर्ट ने यह कड़ी टिप्पणी शादी का झूठा वादा कर संबंध बनाने और फिर शादी न करने के मामले में फैसला सुनाते हुए दी। यह मामला छत्तीसगढ़ के एक जूनियर डॉक्टर का है। उसने बी. फार्मेसी का कोर्स कर रही लड़की के साथ ऐसा किया था। लड़की ने 21 जून 2013 को रिपोर्ट दर्ज करवाई थी।