चेन्नई। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्या मामले में सात दोषियों में एक नलिनी श्रीहरन ने अपनी बेटी की शादी के लिए छह महीने के पैरोल की मांग वाली अपनी याचिका पर बहस करने के लिए व्यक्तिगत रूप से अदालत में पेश हाने की अनुमति की मांग करते हुये मंगलवार को मद्रास उच्च न्यायालय का रुख किया। नलिनी ने दलील दी है कि वह दो वर्षों में एक बार एक महीने की छुट्टी की हकदार है। नलिनी ने कहा है कि चूंकि उसने 27 वर्षों से अधिक समय से इस तरह की कोई छुट्टी नहीं ली है इसलिए उसने अपनी बेटी की शादी की व्यव्स्था करने के लिए 25 फरवरी को जेल के अधिकारियों के समक्ष छह महीने की छुट्टी की मांग रखी थी।
नलिनी ने कहा कि उसे अपनी बेटी हरिथ्रा की शादी के लिये कुछ इंतजाम करना है। नलिनी कहा कि उसने वेल्लूर रेंज के उपमहानिरीक्षक को प्रतिवेदन देकर बेटी की शादी के लिये छह माह की छुट्टी का अनुरोध किया था। उसे पता चला कि उसका प्रतिवेदन सरकार के पास भेजा गया जो लंबित है। उसे छुट्टी नहीं दी गयी। ऐसे में उसके प्रतिवेदन पर अधिकारियों द्वारा विचार नहीं किया जाना संविधान के अनुच्छेद 14 और 21 का उल्लंघन है। जब जेल के अधिकारी उसकी मांग पर विचार करने में विफल रहे तब नलिनी ने पैरोल की मांग करते हुए उच्च न्यायालय की शरण ली है।