नई दिल्ली। 14 फरवरी को पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीत तल्खी के संबंध बने हुए हैं। भारतीय सेना पाकिस्तान को उसके हर हमले का मुंहतोड़ जवाब दे रही है। पाकिस्तान के खिलाफ भारतीय सेना के इन हमलों का उस पार मौजूद आतंकी संगठनों में काफी खौफ दिख रहा है।
पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में मौजूद 4 आतंकी कैंपों को बंद कर दिया गया है। ये इसलिए किया गया है कि क्योंकि भारतीय सेना लगातार इन्हें निशाना बना रही हैं। खुफिया इनपुट्स की मानें तो 16 मार्च को PoK में एक बैठक हुई, निकियाल में हुई इस बैठक में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI और लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी अशफाक बड़वाल भी शामिल हुए थे। ये इलाका राजौरी क्षेत्र के आसपास का है।
बैठक में ही ये तय किया गया है कि यहां पर मौजूद सभी आतंकी संगठनों को बंद जाए, क्योंकि भारत की ओर से लगातार सीज़फायर उल्लंघन का जवाब भारी गोलीबारी से दिया जा रहा है। इसकी वजह से ये कैंप भी निशाने पर आ सकते हैं। पाकिस्तान ने जिन कैंपों को बंद करने का फैसला किया है, वह कोटली और निकियाल सेक्ट में हैं जो सुदंरबनी और राजौरी के पास हैं। चारों आतंकी कैंपों का संचालन आतंकी अशफाक बड़वाल ही किया करता था, तभी ISI ने अपना सीधा संदेश उसे ही दिया।
जबकि दो कैंप पाला और बाघा क्षेत्र में हैं जो जैश-ए-मोहम्मद के द्वारा संचालित किए जाते हैं। गौरतलब है कि 14 फरवरी को पुलवामा आतंकी हमले के बाद से ही सीजफायर का उल्लंघन बढ़ा है। सिर्फ 2019 में ही 634 बार सीजफायर का उल्लंघन किया गया है, जबकि पिछले साल 1629 बार सीजफायर का उल्लंघन किया गया था। पुलवामा में हुआ आतंकी हमला जैश-ए-मोहम्मद ने किया था, जिसमें भारत के 40 जवान मारे गए थे।