नई दिल्ली। भारतीय निवार्चन आयोग ने नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार द्वारा कांग्रेस के लोकसभा चुनाव के पहले किए गए एक वादे पर टिप्पणी पर सफाई मांगी है। आयोग ने राजीव कुमार को नोटिस भी भेजा है। बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को ऐलान किया था कि अगर लोकसभा चुनाव में कांग्रेस जीती तो देश के 20 फीसदी यानी 5 करोड़ गरीबों को प्रति माह 6,000 रुपये दिए जाएंगे। कांग्रेस ने इसे 'न्याय यानी न्यूनतम आय योजना' का नाम दिया है। हालांकि भाजपा इसे झूठा वादा करार दे रही है। लोकसभा चुनाव 2019 से पहले कांग्रेस पार्टी के न्यूतम आय योजना पर सवाल उठाते हुए नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा कि कांग्रेस चुनाव जीतने के लिए कुछ भी कह और कर सकती है।
राजीव कुमार ने कहा कि कांग्रेस इससे पहले भी चुनावों के समय ऐसा करती आई है। राजीव कुमार ने कहा कि यह योजना कभी लागू नहीं होगी। उन्होंने ट्वीट किया था, 'यह सच है कि चुनाव जीतने के लिए कांग्रेस पहले भी लोगों से चांद का वादा कर चुकी है। कांग्रेस अध्यक्ष ने एक स्कीम का ऐलान किया है कि जो राजकोषीय अनुशासन को तोड़ देगा। इससे काम न करने का चलन बढ़ेगा। यह कभी लागू नहीं हो सकता। राजीव कुमार ने कहा था कि 'मिनिमम इनकम गारंटी स्कीम GDP का 2 फीसदी और कुल बजट का 13 फीसदी होगा। इससे लोगों की असली जरूरतों की पूर्ति नहीं हो सकेंगी।
राजीव ने ट्वीट किया था कि कांग्रेस पार्टी ने साल 1971 में गरीबी हटाओ, साल 2008 में ओआरओपी और साल 2013 में चुनाव जीतने के लिए फूड सिक्योरिटी बिल का ऐलान किया था लेकिन इनमें से कोई भी पूरा नहीं कर सकी। ऐसा ही मिनिमम इनकम गारंटी स्कीम के साथ होगा। वहीं इस योजना पर कांग्रेस का कहना है कि 'यह कांग्रेस की 'गरीबी मिटाओ न्याय यात्रा' की इस देश में नई शुरुआत है। "गरीब से न्याय और गरीब को न्याय"- यही है 'न्याय' यानी न्यूनतम आय योजना। कांग्रेस सरकारों ने स्वतंत्रता के बाद भारत की गरीबी को 70% से घटाकर 22% कर दिया। उन्होंने कहा कि हम शेष भारत में 22% गरीबी को दूर करने के लिए काम करेंगे।