20 Apr 2024, 04:03:52 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android
news » National

नीतिगत सुधारों से बढ़ रहे हैं नए भारत की ओर : मोदी

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Feb 23 2019 3:33PM | Updated Date: Feb 23 2019 3:33PM
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि उनकी सरकार 130 करोड़ देशवासियों की आकांक्षाओं और सपनों को पूरा करने हेतु एक नये भारत के निर्माण के लिए कड़ी मेहनत कर रही है। मोदी ने आज यहां ग्लोबल बिजनेस समिट के दौरान दिये गये अपने संबोधन में पूर्व की सरकार और अपनी सरकार की नीतियों की तुलनात्मक रिपोर्ट पेश करते हुए बताया कि उन्होंने जब सत्ता संभाली तब देश नीतिगत रूप से लकवाग्रस्त था, जिससे देश ‘फ्रैजाइल फाइव’ देशों की सूची में शामिल हो गया था। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2013 में भारत के अलावा ब्राजील, इंडोनेशिया, तुर्की और दक्षिण अफ्रीका इस सूची में शामिल थे। 
 
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार के नीतिगत फैसलों के कारण देश तेजी से विकसित होता राष्ट्र बना है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी भारत की साख बढ़ी है और अंतर्राष्ट्रीय रैंकिंग में इसने लंबी छलांग लगायी है। उन्होंने कहा कि ऐसी मान्यता रही है कि किसी भी विकासशील देश में महंगाई दर बढ़े बगैर लंबे समय तक विकास दर में बढ़ोतरी नहीं हो सकती है। उदारवाद के बाद देश में बनी लगभग हर सरकार को इस समस्या का सामना करना पड़ा। इसी कारण हमारी विकास दर में सतता नहीं रही। 
 
उन्होंने बताया कि वर्ष 1991 से 1996 के बीच औसत विकास दर पांच प्रतिशत के करीब रही लेकिन औसत महंगाई दर 10 प्रतिशत से भी अधिक रही। हमारी सरकार के सत्ता में आने से ठीक पहले की सरकार में यानी वर्ष 2009-14 के बीच देश की विकास दर औसत 6.5 प्रतिशत रही लेकिन महंगाई दर  दहाई अंकों में रही। वर्ष 2014 के बाद यह परिदृश्य बदला है। वर्ष 2014 से वर्ष 2019 के बीच औसत विकास दर 7.5 प्रतिशत होगी और महंगाई दर 4.5 प्रतिशत से कम होगी। 
 
उन्होंने  पूर्व की सरकार पर तंज कसते हुए कहा ‘‘वर्ष 2014 के बाद से विभिन्न  मंत्रालयों और राज्यों के बीच विकास को लेकर प्रतिस्पर्धा होती है। अब  प्रतिस्पर्धा काम को जल्दी पूरा करने को लेकर है। हमारी सरकार के सत्ता  में आने से पहले भी प्रतिस्पर्धा थी लेकिन वह अलग ही तरह की थी। वह  प्रतिस्पर्धा इस बात को लेकर थी कौन कितना अधिक भ्रष्टाचार कर सकता है। कौन  भ्रष्टाचार के कितने नायाब तरीके ढूंढ सकता है। पहले यह जाना जाता था कि कोयला ब्लॉक आवंटन में अधिक पैसा मिलेया है या स्पेक्ट्रम आवंटन में। हमें यह भी अच्छी तरह पता  है कि इनके पीछे मुख्य खिलाड़ी कौन थे। यह मैं आप पर छोड़ता हूं कि आपको  कौन सी प्रतिस्पर्धा चाहिए।’’ 
 
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

More News »