बेंगलुरु । केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने छह हज़ार करोड़ की लागत वाले सारस नागरिक विमान परियोजना प्रस्ताव को गुरुवार को मंजूरी दे दी। सारस विमान का निर्माण रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के प्रमुख प्रतिष्ठान राष्ट्रीय एयरोस्पेस प्रयोगशाला (एनएएल) द्वारा किया जाएगा। एनएएल के निदेशक जितेंद्र जाधव ने ऐरो भारत -2019 कार्यक्रम से इतर संवाददाता सम्मलेन में कहा कि एनएएल को सारस (एमके2) के बेहतर संस्करण के मंजूरी मिल गयी है। वित्त मंत्रालय ने 70 से 90 सीटों वाले सारस नागरिक विमान परियोजना प्रस्ताव को भी स्वीकृति दे दी हैं। आगामी वर्षों में पहला अधिक सीटों वाला विमान बन कर तैयार हो जाएगा। यह विमान तकनीक के मामलें में अव्वल दर्जे का होगा। उन्होंने कहा,‘‘ एनएएल हिन्दुस्तान एरोटॉनिक्स लिमिटेड के साथ मिल कर यह विमान बनाएगा। हम परियोजना के लिए एक वैश्विक साझेदार की तलाश भी कर रहे हैं। अगले 18 महीने में एनएएल एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट भी सौपेगा। यह विमान देश में बेहतर संपर्क की दिशा में क्रांतिकारी बदलाव होगा। ’’ एक प्रश्न पर श्री जाधव ने कहा,‘‘ हमे विमान के वजन को लेकर कुछ शिकायतें आयी थी, जिन्हें हल कर लिया गया और विमान का वजन 900 किलो तक कर दिया गया है। ससरस एमके2 भी अग्रिम संस्करण से लैस होगा। ’’