जयपुर। भारतीय ट्रेड यूनियन केन्द्र (सीटू) से जुड़े विभिन्न संगठन अपनी मांगों को लेकर 12 फरवरी को विधानसभा के सामने प्रदर्शन करेंगे। सीटू के प्रदेशाध्यक्ष रविन्द्र शुक्ला ने आज विज्ञप्ति जारी करके बताया कि राजस्थान आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका यूनियन, राजस्थान आशा सहयोगिनी एवं साथिनियां यूनियन, राजस्थान मीड-डे मील वर्कर्स यूनियन से जुड़े हजारों योजनाकर्मी विभिन्न समस्याओं को लेकर लम्बे समय से संघर्षरत हैं। जिनके हल के लिये 24 अक्टूबर 2017 को राजस्थान विधान सभा के समक्ष प्रदर्शन किया किया था। उस समय तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कुछ मांगें मान ली थीं और वेतन बढ़ोत्तरी का आश्वासन दिया था।
लेकिन बाद में उस सम्बन्ध में आदेश जारी नहीं किये गये। उन्होंने कहा कि इसके बाद नौ एवं 10 नवम्बर 2017 और पांच सितम्बर 2018 को दिल्ली में संसद के समक्ष हजारों महिलाओं ने प्रदर्शन किया। इस पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार ने 11 सितम्बर, 2018 को आंगनबाड़ी और आशा सहयोगिनियों के वेतन में वृद्धि की घोषणा, लेकिन यह मात्र घोषणा ही साबित हुई। श्री शुक्ला ने कहा कि राज्य में नयी सरकार आने के बाद सौ दिन की कार्ययोजना में योजना कर्मियों के लिये किसी प्रकार की राहत देने की योजना नहीं बनाई गई है, लिहाजा राज्य के योजनाकर्मी 12 फरवरी को अपनी मांगों को लेकर राज्य विधानसभा पर जोरदार प्रदर्शन करेंगे।