नई दिल्ली। मुसलमानों में तीन तलाक की प्रथा को अपराध की श्रेणी में डालने वाले बिल पर राष्ट्रपति ने भी शनिवार को अपनी मंजूरी देते हुए मुहर लगा दी है। वहीं गुरुवार को ही केंद्रीय कैबिनेट ने भी तीन तलाक को अपराध घोषित किए जाने से संबंधित अध्यादेश को फिर से जारी करने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी थी। बता दें कि पिछले साल सितंबर में जारी किए गए अध्यादेश की अवधि 22 जनवरी को समाप्त हो रही है। पहले अध्यादेश को कानून का रूप प्रदान करने के लिए एक विधेयक राज्यसभा में लंबित है जहां विपक्ष इसे पारित किए जाने का विरोध कर रहा है।
मस्लिम महिलाओं को तीन तलाक से आजादी दिलाने के लिए मोदी सरकार ने तीन तलाक बिल को सबसे पहले लोकसभा में पेश किया जहां पर इसे पारित कर लिया गया है। लेकिन बाद में जब इस बिल को राज्यसभा में पेश करने की कोशिश की गई तो पिछले बार की तरह इस बार भी इस बिल पर राज्यसभा में तलवार लटक गई है। जिसके कारण तीन तलाक विरोधी बिल ‘द मुस्लिम वीमेन प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स इन मैरिज एक्ट' पारित नहीं हो पाने की वजह से मोदी सरकार को दोबारा से यह अध्यादेश लाना पड़ा है ।