नई दिल्ली। साल बदलते ही 2019 की पहली तारीख को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मीडिया से मुखातिब हुए। मोदी ने राम मंदिर को लेकर बेहद अहम बयान दिया। पीएम मोदी ने मंगलवार को कहा कि राम मंदिर निर्माण के लिए कोई अध्यादेश तभी लाया जा सकता है, जब इस पर कानूनी प्रक्रिया पूरी हो जाए। उन्होंने राम मंदिर पर अदालती कार्यवाही में देरी को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के वकील सुप्रीम कोर्ट में बाधाएं उत्पन्न कर रहे हैं, इसके चलते राम मंदिर मसले की सुनवाई की गति धीमी हो गई है।
राम मंदिर के अब भी बीजेपी के लिए इमोशनल मुद्दा होने के सवाल पर मोदी ने कहा कि अपने मेनिफेस्टो में हमने कहा था कि इस मसले का समाधान संवैधानिक तरीके से किया जाएगा। बीजेपी ने लोकसभा चुनाव के अपने घोषणापत्र में कहा था कि वह अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण चाहती है। पीएम मोदी ने अध्यादेश के सवाल पर सीधे तौर पर कहा कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट में है और संभवत: आखिरी चरण में है। उन्होंने कहा कि कानूनी प्रक्रिया पूरी हो जाने दीजिए। इस प्रक्रिया की समाप्ति के बाद सरकार के तौर पर जो भी जिम्मेदारी होगी, उसके लिए हम तैयार हैं। गौरतलब है कि राम मंदिर के मसले पर 4 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है।
सिर्फ छत्तीसगढ़ में हुई हार
पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव नतीजों और उनमें अपनी पार्टी बीजेपी के प्रदर्शन पर पीएम मोदी ने कहा कि तेलंगाना और मिजोरम में बीजेपी सत्ता में आएगी ऐसी बात ना कोई सोचता था और ना कोई कहता था और ना भाजपा कहती थी। जिन तीन राज्यों की बीजेपी हारी, उस पर पीएम मोदी ने कहा कि छत्तीसगढ़ में साफ-साफ नतीजा आया जिसमें भाजपा की पराजय हुई, लेकिन दो राज्यों में खंडित जनादेश आया है। मोदी ने कहा कि दूसरी बात है कि 15 साल की सत्ता विरोधी लहर को लेकर हमारे लोग मैदान में थे। स्वाभाविक है जो कुछ भी हमारी कमी हुई है उसकी हम चर्चा भी कर रहे हैं और योजना भी बना रहे हैं।