28 Mar 2024, 18:31:15 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android

स्टारकास्ट: इरफान, दुलकर सलमान, मिथिला पालकर, कृति खरबंदा
डायरेक्टरः आकर्ष खुराना  
 
कहानी
 
पिता के अचानक मरने की खबर से अविनाश और उसका दोस्त शौकत (इरफान) बेंगलुरु से कोच्चि आ जाते हैं और इस यात्रा के दौरान उन्हें अपनी जिंदगी के बारे में सोचने का टाइम मिलता है। खो जाना कभी-कभी अपने आप को पाने का सबसे अच्छा तरीका होता है। कारवां की यही कहानी है। हर सफर उस तरह खत्म नहीं होता जैसा आपने सोचा होता है। फिल्म भी काफी हद तक इसी तर्ज पर है। इसमें ट्रैजिडी के बीच भटकता हुआ अविनाश धीरे-धीरे खुद को पा लेता है। दक्षिण भारत की खूबसूरत जगहों पर शूट की गई फिल्म कारवां इसके तीनों किरदारों अविनाश, शौकत और तान्या (मिथिला) को उनकी जिंदगी दुविधाओं से रूबरू करवाती है। 
 
फिल्म कारवां को डार्क कॉमिडी दिखाने के लिए कुछ ज्यादा मेहनत कर दी गई है। ऐसा लगता है कि फिल्म पर अलग और फनी दिखने का बोझ है। हालांकि यह काफी हद तक सफल भी होती है लेकिन इसमें दिखाई गई परिस्थितियां थोड़ी अकल्पनीय लगती हैं। 
 
फिल्म कारवां में अगर कुछ जबरदस्त है तो वह है दलकीर और इरफान की बेहतरीन ऐक्टिंग। मलयालम फिल्मों के चहेते दलकीर का हिंदी डेब्यू काबिलेतारीफ है। वह स्क्रीन पर बेहद स्वाभिवक दिखते हैं इसके अलावा मलयाली होने के बाद भी उनकी हिंदी पर बढ़िया कमांड है। इरफान का किरदार भले ही अधपका हो लेकिन वह हिंदी सिनेमा के इतने बढ़िया ऐक्टर हैं कि फिल्म में जान डाल देते हैं। आधी फिल्म के बाद एक सीन है जिसमें वह अपने पिता के बारे में बात करते हैं, जिसे देखकर लगता है कि वह कितने कमाल के ऐक्टर हैं।
 
फिल्म के कुछ सीन बेहद जबरदस्त हैं। मिथिला पालकर ठीक-ठाक हैं पर कोई छाप नहीं छोड़तीं। कृति खरबंदा का स्पेशल रोल अच्छा है। कारवां कोई वैसी उतार-चढ़ाव वाली कहानी नहीं है जैसी आप उम्मीद कर रहे हैं लेकिन आप दिल में अहसास लेकर निकलेंगे कि अंत भला सो भला। 
 
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