17 Apr 2024, 01:26:53 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android

कलाकार: संजय दत्त,चित्रांगदा सिंह,माही गिल,सोहा अली खान 

निर्देशक: तिग्मांशु धूलिया

यह कहानी है कैद में फंसे एक साहेब, राजनीति में ऊंचा कद रखती उसकी पत्नी और लंदन बेस्ड गैंगस्टर की जो रूसी तरीके के एक खतरनाक खेल के जरिए सबका कत्ल करता है। इस फिल्म के डायरेक्टर और को राइटर तिग्मांशू धूलिया ने इस ड्रामा फिल्म को दमदार तरीके से पेश किया है। फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे सत्ता के भूखे मर्द और औरत बिना उस तक पहुंचे रुकने का नाम नहीं लेते हैं। इस बार कहानी की एक नई शुरुआत होती है, जो अनदेखे-अनजाने मोड़ से होते हुए जैसे-जैसे आगे बढ़ती है हर किरदार के कई नए चेहरों की पहचान कराती है। 

फिल्म की कहानी रानी माधवी देवी (माही गिल) के इर्द-गिर्द घूमती है। जिन्होंने अपने किरदार को इस बखूबी से निभाया है कि आप बार-बार उन्हें ही देखना चाहते हैं, जबकि स्क्रिप्ट में उनके किरदार को काफी लंबा लिखा भी गया है। इसके बाद आदित्य प्रताप सिंह (जिम्मी शेरगिल) आते हैं, जिन्होंने अपने राजसी रुतबे और खोए प्यार को पाने का बखूबी रोल निभाया है।

इसके साथ ही कबीर के रोल में संजय दत्त ने एक गैंगस्टर से ज्यादा समझदार अपराधी का रोल निभाया है। जो अपने गुस्से और दिल के हाथों मजबूर होकर अक्सर मुश्किलों में पड़ जाता है। इस रोल को संजय ने बखूबी निभाया है, हालांकि कई जगह वह थोड़ा निराश भी करते नजर आए हैं। इसके साथ ही जहां ये तीनों अपने रोल के साथ न्याय करते नजर आए हैं, वहीं फिल्म की अन्य दो ऐक्ट्रेसेस के लिए ऐसा नहीं कहा जा सकता है।

मोना के किरदार में चित्रागंदा सिंह बेशक बहुत ही खूबसूरत नजर आई हैं, लेकिन अपने इंट्रो सीने को छोड़कर वह फिल्म में अपनी कोई खास छाप नहीं छोड़ पाई हैं। दूसरी ओर सोहा अली खान के टैलंट को साहेब की दूसरी बीवी रंजना के रोल में एकदम बर्बाद किया गया है। इसके अलावा कबीर बेदी, नफीसा अली और दीपक तिजौरी बूंदीगढ़ के राजपरिवार के तौर पर सपोर्टिंग रोल में फिट नजर आए हैं। 

हालांकि, एकसाथ इतने किरदारों को फिल्म में पेश करना थोड़ा मुश्किल भरा जरूर लगा, मगर तिग्मांशू धूलिया और संजय चौहान ने फिल्म की कहानी इस रोचक ढंग से लिखी है कि दर्शक आगे क्या होनेवाला है इसका अंदाजा नहीं लगा पाते हैं। ऐसे डायरेक्टर तिग्मांशू की इस फिल्म के आइटम नंबर और रोमांटिक गानों को छोड़ दें तो जबरदस्त तरीके से पंच के साथ लिखे गए डायलॉग्स दर्शकों को बांधे रखने में कामयाब रहे हैं। जिनका असर फिल्म खत्म होने के बाद भी दर्शकों पर कायम रहता है। बहरहाल, अगर कुछेक बातों को छोड़ दें तो रोमांचक पटकथा और दमदार ऐक्टिंग के दम पर यह फिल्म अपनी पिछली फिल्मों को मिली सफलता को आगे ले जाती हुई नजर आती है। 

 
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