कलाकार: आलिया भट्ट,विकी कौशल,रजित कपूर,शिशिर शर्मा,जयदीप अहलावत,सोनी राजदान
निर्देशक: मेघना गुलजार
फिल्म इंडस्ट्री में आलिया भट्ट हर फिल्म के साथ निखरती ही जा रही हैं, 2012 में 'स्टूडेंट ऑफ द ईयर' से लेकर 'राज़ी' तक आलिया काफी परिपक्व हो चुकी हैं। 'राज़ी' की दो सबसे अच्छी बातें मेघना गुलज़ार का डायरेक्शन और आलिया की एक्टिंग है। फिल्म हरिंदर सिक्का के 'कॉलिंग सहमत' नॉवेल पर आधारित है। ये नॉवेल एक भारतीय जासूस की असल जिंदगी पर लिखा गया था। इस तरह से ये फिल्म एक भारतीय जासूस की असल जिंदगी पर आधारित है।
कहानी
फिल्म की कहानी शुरू होती है कश्मीर के हिदायत खान (रजत कपूर) और उनकी पत्नी बेगम तेजी (सोनी राजदान) के साथ। दोनों की बेटी सहमत (आलिया भट्ट) है, जो दिल्ली में पढ़ाई कर रही है। भारत के जासूसी ट्रेनिंग हेड खालिद मीर (जयदीप अहलावत) हिदायत के काफी अच्छे दोस्त हैं। हिदायत का काम खुफिया जानकारियों को देश के हित के लिए सही समय पर सही जगह पर पहुंचाना है।
फिल्म में 1971 में भारत-पाकिस्तान वॉर के समय का जिक्र किया गया है। सहमत अपने पिता हिदायत खान के कहने पर पाकिस्तान के एक फौजी परिवार में शादी करती है और वहां भारत की जासूस बनकर जाती है। सहमत की शादी होती है इकबाल (विकी कौशल) से, जो पाकिस्तानी आर्मी में ऊंचे दर्जे का ऑफिसर है।
सहमत अपनी सूझ-बूझ और हौसले के दम पर देश के लिए खुद को कैसे पूरी तरह से लुटा देती है, इसकी कहानी है राज़ी। मेघना गुलज़ार के डायरेक्शन में आपको कहीं भी कोई कमी नहीं नजर आएगी। फिल्म की स्क्रिप्ट और सिनेमैटोग्राफी दोनों ऐसी है, जो फिल्म को और भी बेहतर बनाती है। पाकिस्तान में होने के बाद जब सहमत वहां पहुंचती है, उसके बाद फिल्म के हर सीन में आप बस यही सोचते रहेंगे कि आगे क्या होने वाला है।
देशभक्ति और जासूसी पर बहुत सी फिल्में बन चुकी हैं, लेकिन 'राज़ी' कई मामलों में उनसे बेहतर फिल्म नजर आती है। फिल्म का क्लाइमेक्स ऐसा है कि आप के रोंगटे खड़े हो जाएंगे। फिल्म के कई डायलॉग्स और सीन्स ऐसे हैं, जिसमें आप अपने आंसुओं को कंट्रोल नहीं कर पाएंगे।