कलाकार: कार्तिक आर्यन, सन्नी सिंह निज्जर, नुसरत भरुचा, आलोक नाथ, वीरेंद्र सक्सेना, आयशा रजा, ईशिता राज शर्मा, मधुमालती कपूर
निर्देशक: लव रंजन
कहानी:
'सोनू के टीटू की स्वीटी' फिल्म के साथ लव रंजन अपनी चौथी फिल्म के साथ ऑडियंस के सामने हैं। पिछली फिल्मों की ही तरह इस फिल्म में भी लव रंजन एक बार फिर लड़कियों को पूरी तरह गलत साबित करने की कोशिश करते नजर आ रहे हैं और इस बार भी लड़के बेचारे खुद को उनके चंगुल से बचाने की जुगत में दिखाई देते हैं। '
सोनू के टीटू की स्वीटी' युवा पीढ़ी को ध्यान में रख कर इसी थीम पर बनाई गई फिल्म है। एक ही थीम पर बनी फिल्मों को अगर कोई चीज अलग करती है तो वो है उसका प्रेजेंटेशन। और इसमें कोई शक नहीं कि अपने प्रेजेंटेशन की वजह से 'सोनू के टीटू की स्वीटी' एक अलग जमीन पर खड़ी दिखाई देती है।
सोनू (कार्तिक आर्यन) और टीटू (सन्नी सिंह निज्जर) बचपन के दोस्त हैं। उनकी दोस्ती नर्सरी से शुरू होकर जवानी तक जारी है। दोनों एक साथ खाते-पीते हैं, एक साथ काम करते हैं, एक साथ रहते हैं। यूं कहें कि एक जिस्म दो जान हैं। सोनू जब 13 साल का था, तब उसकी मां का देहांत हो गया था। तब से टीटू का परिवार ही उसका परिवार हो गया था।
जब भी टीटू किसी मुसीबत में फंसता है, सोनू उसे बाहर निकालता है। और एक दिन टीटू की जिंदगी में स्वीटी (नुसरत भरुचा) आ जाती है। सोनू असुरक्षित महसूस करने लगता है। उसे लगता है, स्वीटी अच्छी लड़की नहीं है। वो उसके दोस्त को छीन लेगी। फिर सोनू और स्वीटी के बीच टीटू को पाने की एक जंग शुरू होती है।