29 Mar 2024, 05:33:43 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android

मुंबई। गो गो गो गोलमाल..पहले फ्रेम से ही आपको अच्छे गाने और डांस देखने को मिलेंगे। इसके बाद लॉजिक नहीं सिर्फ मैजिक चलेगा! फिल्म की शुरूआत अन्ना (तबू) के कैरेक्टर से होती है जो कहानी की सुत्रधार हैं। 
 
वो आत्माओं से बातचीत कर सकती। उनका नैरेशन हमें फ्लैशबैक में लेकर जाता है और जहां उनकी मुलाकात गोलमाल ब्वॉयज से होती है। बतौर किड्स गोपाल (अजय देवगन), माधव (अरशद वारसी), लकी (तुषार कपूर) और दो लक्ष्मण (श्रेयस तेलपड़े और कुणाल खेमू) से होती है जो ऊटीके अनाथालय में बड़े होते हैं और अन्ना वहां लाइब्रेरियन काम करती है। 
 
गोपाल और श्रेयस क हमेशा माधव और उनकी टीम से किसी ना किसी वजह से लड़ते रहते हैं। ये जल्द ही अनाथालाय छोड़ देते हैं और कई सालों बाद जब केयरटेकर की मौत होती है तो वो आते हैं। ये गैंग पालटीलाल हाउस में रहते हैं जिसमें पहले से ही अना और दामिनी (परिणीति चोपड़ा) रह रहे होते हैं।लेकिन जल्द ही सबको समझ आता है कि कुछ गड़बड़ है क्योंकि उनमें से एक उसी आत्मा जैसा व्यवहार भी करते हैं। अन्ना और दामिनी का संदेहास्पद व्यवहार इसमें और भी ज्यादा मजेदार है।
 
दिलवाले के बाद रोहित शेट्टी पुराने फॉर्म में लौट आए हैं जिसमें वो मास्टर हैं। वो हंसने के हमें कई मौके दे चुके हैं और इस बार कहना गलत नहीं होगा कि उन्होंने कॉमेडी भी बहुत ही शानदार डाला है। इसमें हॉरर फ्लेवर को डालने के बाद उन्होंने इस पर बेहतरीन काम किया है। उन्होंने अपने 'रोहित शेट्टी' स्टाइल को बरकरार रखा है। 
 
गोलमाल फ्रेंचाइजी की पिछली फिल्मों की तरह यह फिल्म भी असल प्लॉट तक आने में समय लेती है लेकिन आपको इंटरटेनमेंट में व्यस्त रखती है। फिल्म का पहला हाफ जहां हंसी और कॉमेडी से भरपूर है तो वहीं दूसरे हाफ थोड़ा लंबा और साधारण क्लाइमैक्स के साथ है। 
 
एक सीन है जहां अजय देवगन फाइट कर रहे होते हैं और बैकग्राउंड में गाना चल रहा होता है। लेकिन उन्हें अंधेरे और भूत से डर लगता है। अजय देवगन का यह साइड देखना काफी मजेदार है। श्रेयस तेलपड़े को फिल्म में देखना वाकई मजेदार है। उनके और अजय देवगन के सीन्स में आप हंसते रह जाएंगे। कुणाल खेमू को बहुत ही फनी लाइन मिले हैं तो तुषार कपूर भी लकी के किरदार में फॉर्म में हैं। उनके उस सीन के देखिए जहां वो नाना पाटेकर Isshtyle में बोलते हैं। परिणीति चोपड़ा भी फिल्म में काफी अच्छी लगी हैं। तबू और नील नितिन मुकेश ने वही किया है जो उनसे उम्मीद थी। 
 
फिल्म के बाकी कास्ट जॉनी लीवर, संजय मिश्रा, व्रजेश हीरजी, प्रकाश राज, मुकेश तिवारी ने ख्याल रखा है कि कहीं भी फिल्म में ढीले मोमेंट ना आएं। तकनीकी पक्ष ऊंटी की हरी भरी पहाड़ियों को जोमोन टी जोन्स ने बेहतरीन तरीके से कैप्चर किया है। फिल्म की एडिटिंग की बात करें तो फिल्म थोड़ी और छोटी की जा सकती थी।
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