स्टार कास्ट: श्रद्धा कपूर, सिद्धांत कपूर, अंकुर भाटिया, सुनील उपाध्याय
डायरेक्टर: अपूर्वा लखिया
गैंगेस्टर दाऊद इब्राहिम पर कई फिल्में बन चुकी हैं और इस बार बॉलीवुड डायरेक्टर अपूर्व लखिया ने उनकी बहन 'हसीना पारकार' के जीवन पर फिल्म बनाने का फैसला किया। ये फिल्म आज रिलीज हो गई है जिसे देखने के बाद यही पूछा जा सकता है कि ये फिल्म बनाई ही क्यों?
इस फिल्म की विलेन है पुलिस
अब फिल्म की बात करें तो इसमें जो दिखाया गया है उसके मुताबिक पुलिस इस फिल्म की विलेन है। इस फिल्म में पुलिस के लिए जो डायलॉग लिखे गए हैं वो इस बात को और पुख्ता करते है। हसीना पारकर से पूछताछ के अलावा बहुत सारे सीन को इस तरीके से फिल्माया गया है जैसे पुलिस उन पर ज्यादती कर रही हो। ऐसा बिल्कुल हुआ होगा लेकिन फिल्म में पुलिस का पहलू भी दिखाते तो कुछ नया होता। इसके जरिए हसीना पारकर के साथ सहानुभूति जताने की कोशिश की गई है कि उसे हर बार सिर्फ इसलिए कठघरें में खड़ा किया गया क्योंकि वो गैंगेस्टर दाऊद इब्राहिम की बहन है।
कोर्ट रूम ड्रामा को बर्दाश्त करना है मुश्किल
कोर्ट रूम में बहस इस बात पर शुरू होती है कि क्या हसीना पारकर ने अपने भाई दाऊद इब्राहिम के नाम का गलत इस्तेमाल किया और पूरी फिल्म के जरिए दर्शकों को ये जवाब दिया जाता है कि ‘नहीं’ ऐसी फिल्मों में दूसरा पहलू दिखाना बहुत जरूरी होता है। कोर्ट रूम में इतनी बचकानी बहस चलती है कि बर्दाश्त करना मुश्किल. हद तो ये है कि हसीना पारकर की दलीलों को सुनकर जज़ को भी उनसे सहानुभूति हो जाती है। इस फिल्म से श्रद्धा कपूर के भाई सिद्धान्त कपूर ने डेब्यू किया है।