निर्देशक: सुजित सरकार
कलाकार: अमिताभ बच्चन, दीपिका पादुकोण, इरफान खान, मौसमी चटर्जी, जिशु सेनगुप्ता, रघुवीर यादव
कहानी:
आम जिंदगी की दुश्वारियों को हास्य की चाशनी में लपेटकर सुजित सरकार ने फिल्म ‘पीकू’ के माध्यम से बुढ़ापे से जुड़ी समस्याओं से रिश्तों के ताने बाने को जोड़कर कई सामाजिक सरोकारों को धीरे से छूने की कोशिश की है और फिल्म के कलाकारों की बेहतरीन अदाकारी ने उनकी इस कोशिश को पुरजोर तरीके से पेश किया है।
फिल्म में अमिताभ बच्चन, दीपिका पादुकोण और इरफान खान मुख्य भूमिकाओं में है। यह फिल्म खट्टी मीठी नोंकझोंक से भरी एक पारिवारिक फिल्म है। ‘पीकू’ में कब्ज से परेशान एक बुजुर्ग अपने भावनात्मक उतार चढ़ाव से जूझता दिखता है। इन साहब को मुगालता है कि वही इस पूरे ब्रह्मांड का केंद्र है।
भास्कर बनर्जी (अमिताभ बच्चन) नई दिल्ली में सीआर पार्क के बंगाली एन्क्लेव में अपनी बेटी पीकू के साथ रहते हैं। पिता और बेटी का यह रिश्ता कई बार तूफान खड़ा कर देता है। अपने घर के जुदा होने के गम में भास्कर दोबारा अपने घर जाना चाहते हैं, जहां उनका बचपन गुजरा था। ऐसे में दिल्ली से कोलकाता सड़क मार्ग से जाने के दौरान उन्हें कई मुश्किलों से दो चार होना पड़ता है।
टैक्सी सर्विस का मालिक राणा चौधरी (इरफान खान) चिड़चिड़े बनर्जी की सनक से झुंझला उठता है, लेकिन कोई और विकल्प नहीं होने पर इन दोनो को खुद ही कोलकाता ले जाने का फैसला करता है और सफर के दौरान अपने तरीके से उनकी मर्ज का इलाज करता है।