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'रुस्तम': अक्षय ने फिर कर दिया कमाल

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Aug 13 2016 1:07PM | Updated Date: Aug 13 2016 1:07PM
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निर्देशक: टीनू सुरेश देसाई

निर्माता: नीरज पांडे, अरुणा भाटिया, आकाश चावला, नितिन केनी

कलाकार: अक्षय कुमार, इलियाना डीक्रूज, ईशा गुप्ता, सचिन खेड़ेकर, पवन मल्होत्रा, परमीत सेठी, अर्जन बाजवा, उषा नाडकर्णी

संगीत: अंकित तिवारी, जीत गांगुली, राघव सच्चर

गीत: मनोज मुंतशिर

रेटिंग: 3 स्टार

कहानी

कहानी है रुस्तम पावरी (अक्षय कुमार) की। नेवी का एक प्रभावशाली कमांडर जिस पर भारतीय सेना को नाज है। छह महीने जहाज पर रह कर वह जब एक दिन वह अपने घर लौटता है तो उसे अपनी पत्नी सिंथिया (इलियाना डिक्रूज) की अलमारी से कुछ प्रेम पत्र मिलते हैं, जो रुस्तम के दोस्त विक्रम मखीजा (अर्जन बाजवा) ने सिंथिया को लिखे थे। उसे समझते देर नहीं लगती कि उसके पीछे से सिंथिया ने क्या गुल खिलाए हैं।

गुस्साया रुस्तम अपनी सर्विस रिवाल्वर से विक्रम का खून कर देता है, जिसका एकमात्र गवाह है विक्रम का एक बुर्जुग नौकर। किसी को कुछ साबित करने की जरूरत नहीं पड़ती, क्योंकि खून करने के बाद रुस्तम खुद को पुलिस के हवाले कर देता है और अपना जुर्म भी कूबल कर लेता है। इस पूरे मामले की छानबीन मुंबई पुलिस के सीनीयर इंस्पेक्टर विन्सेंट लोबो (पवन मल्होत्रा) को सौंप दी जाती है, जो बेहद तेज तर्रार इंसान है।

मामला अदालत में जाता है, जहां रुस्तम अपना केस खुद लड़ता है। इधर, रुस्तम को फांसी की सजा दिलवाने के लिए विक्रम की बहन प्रीति मखीजा (ईशा गुप्ता) मुंबई शहर के सबसे बड़े वकील लक्ष्मण खंगानी (सचिन खेड़ेकर) को ये केस लड़ने के लिए कहती है। लेकिन कोर्ट से बाहर कुछ और ही चल रहा है।

रुस्तम जो कि एक पारसी है, को इंसाफ दिलाने के लिए एक टेबोलाइड का संपादक इराच बिल्लिमोरिया (कुमुद मिश्रा) पारसी समुदाय के एक धनी बिजनेस मैन के पास जाता है और कहता है कि वह इस पूरे मामले में अपना समर्थन दे। देखते ही देखते इराच के अखबार में रोजाना छपने वाली खबरों से लोगों के दिलों में रुस्तम के प्रति एक हमदर्दी पैदा होने लगती है, जिससे इराच के अखबार की प्रसार संख्या में भी इजाफा होने लगता है।

खून रुस्तम ने किया है तो वो खुद को बेकसूर क्यों साबित करना चाहता है? अदालत में उसका ये कहना कि ये खून उसने अपने बचाव के लिए किया है, क्या ज्यूरी और जज के गले उतरेगा? आखिर सच क्या है?

अक्षय कुमार ने गंभीरता से अपना काम किया है। अपने स्टारडम से वे बांध कर रखते हैं। नौसेना अधिकारी के रूप में उनकी फिटनेस देखने लायक है। इलियाना डीक्रूज के किरदार को उभरने का अवसर नहीं दिया गया है, लेकिन जितना अवसर उन्हें मिला है उसे उन्होंने अच्छे से निभाया है। ईशा गुप्ता, कुमुद मिश्रा, उषा नाडकर्णी के किरदार शायद दर्शकों को हंसाने के लिए रखे गए हैं। नकारात्मक रोल में अर्जन बाजवा अपना असर छोड़ते हैं।

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