डायरेक्टर: अभिषेक चौबे
स्टारकास्ट: शाहिद कपूर, आलिया भट्ट, करीना कपूर, दिलजीत दोसान्जह
कहानी:
एक फिल्म में तीन अलग-अलग कहानियां हैं जिसे जोड़ता है ड्रग्स और इसका कारोबार। एक कहानी है रॉकस्टार बने शाहिद कपूर कि जिसे देख युवा नशे कि ओर बढ़ रहे हैं। दूसरी कहानी है अलिया भट्ट की, जो बिहार से आई एक मज़दूर है और अनजाने में ड्रग माफिया के चंगुल में फंस जाती है। और तीसरा हिस्सा है डॉक्टर बनी करीना कपूर और पुलिस अफसर बने दिलजीत दोसांझ का जो पंजाब को ड्रग्स से आजाद में जुटे हैं। इन तीनों कहानियों को सुंदरता से जोड़ा है लेखक सुदीप शर्मा और लेखक-निर्देशक अभिषेक चौबे ने।
फिल्म की कहानी एक खास मुद्दे की तरफ ध्यान आकर्षित करने के लिए बनाई गई है, जो कि 'ड्रग्स' का है। और इसी के इर्द गिर्द सारे किरदारों को सजाया गया है। फिल्म काफी डार्क शेड में है, जहां आपको हर तरफ नशा ही नशा देखने को मिलता है। रीयल लोकशन्स की शूट देखने का आनंद भी आता है। फिल्म की कहानी सेकंड हाफ में काफी लंबी लगने लगती है, लेकिन टारगेट के हिसाब से करेक्ट जाती है।
अभिनेता शाहिद कपूर ने अपने अभिनय में कोई कोर-कसर बाकी नहीं रखी। वे किरदार की तह तक जाते दिखाई दिए और उन्होंने अपने रोल को जीवंत करने का भरपूर प्रयास किया है। साथ ही आलिया भट्ट ने अभिनय में अपना शत-प्रतिशत दिया है और वे निर्देशक के दिशा-निर्देशों पर ही खुद को साबित करती नजर आईं, जिसमें वे सफल भी रहीं।
करीना कपूर खान ने फिल्म में अपनी भूमिका दर्ज कराने के लिए हर संभव प्रयास किया है, लेकिन उनकी मौजूदगी लोगों को कुछ अखरती सी नजर आई। दिलजीत दोसांझ ने अपने रोल को बखूबी निभाया है और वे एक पुलिस वाले के अभिनय में सटीक रहे और रोल को बखूबी निभाया है। इसके अलावा सतीश कौशिक ने भी फिल्म में अच्छा काम किया है, जिसमें वे कई मायनों में सफल भी रहे।