निर्माता-निर्देशकः सनी देओल
कलाकार: सनी देओल, सोहा अली खान, ओम पुरी, टिस्का चोपड़ा
90 के दशक की सुपरहिट फिल्म ‘घायल’ में सनी देओल ने ऐसा किरदार निभाया, जिसमें एक आम शख्स कानून को अपने हाथ में लेने के लिए मजबूर कर दिया जाता है। इस किरदार ने सनी देओल को एक अलग पहचान दी। कहना गलत नहीं होगा कि इस किरदार को उनसे बेहतर कोई नहीं निभा सकता था। ‘घायल वंस अगेन’ की शुरुआत वहां से होती है, जहां पहली फिल्म खत्म हुई थी (इसे साबित करने के लिए एक छोटा सा फ्लैशबैक भी दिखाया जाता है)।
कहानी
जिन लोगों ने 'घायल' देख रखी है, उन्हें फिल्म का क्लाईमेक्स तो याद ही होगा कि अंत में क्या होता है। जी हां, अजय मेहरा (सनी देआल) विलेन को खत्म करने के बाद इंस्पेक्टर जॉय डिसूजा के आगे सरेंडर कर देता है। इसके सीक्वल की कहानी यहीं से शुरू होती है। अजय मेहरा 14 साल की सजा काटकर जेल से बाहर आता है। वह फिर भ्रष्टाचार और सिस्टम के खिलाफ खड़ा होता है। कहानी आगे बढ़ती है।
चार युवा रोहन (शिवम पाटिल), अनुष्का (अंचल मुंजाल), रेणु(नेहा खान) और वरुण(ऋषभ अरोड़ा) का सामना एक भ्रष्ट बिजनेसमैन राज बंसल (नरेंद्र झा) से होता है। राज का शहरभर में राज चलता है। उसकी पहुंच बहुत ऊपर तक हैं। उसे इस बात का गुमान है कि उसका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता, लेकिन उसे चारो युवा चुनौती देते हैं और उनके सामने जब भी कोई मुसीबत आती है, तो राज मेहरा ढाल बन जाता है।
घायल में जहां राज के साथ तीन भागे हुए कैदी होते हैं, जो राज का साथ देते हैं, जबकि इसके सीक्वल में राज मेहरा पढ़े-लिखे युवाओं का साथ देता है। फिल्म में कैसे-कैसे मोड़ आते हैं। अजय युवाओं के साथ मिलकर किस तरह राज और उसके सम्राज्य का खात्मा करता है, इसे बेहद दिलचस्प ढंग से दर्शाया गया है, लेकिन फिल्म में कुछ नयापन नहीं हैं। हां, यदि आप एक्शन के शौकीन हैं, तो फिल्म देख सकते हैं, बोरियत नहीं होगी।